पाकिस्तान (Pakistan) में कट्टरपंथी नेता मौलाना साद हुसैन रिजवी (Saad Hussain Rizvi) की गिरफ्तारी के बाद से प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चुका है. ये प्रदर्शन अब हिंसक रूप अख्तियार कर चुके हैं. एक पुलिसकर्मी समेत अभी तक चार लोगों की इन प्रदर्शनों में मौत हो चुकी है. इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के प्रमुख मौलाना रिजवी को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही लाहौर, कराची जैसे शहरों में छिट-पुट प्रदर्शनों की शुरुआत हुई, जो अब बड़े पैमाने पर फैल गई है.
इन प्रदर्शनों में सैकड़ों पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो चुके हैं. वहीं, TLP कार्यकर्ता और इसके समर्थकों को हजारों की संख्या में पुलिस पर हमला करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने लाहौर, कराची, मुल्तान जैसे बड़े शहरों में कई राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया था. लाहौर में राजमार्ग के ब्लॉक किए जाने से सरकारी अस्पताल तक ऑक्सीजन सप्लाई पहुंचने में खासा दिक्कत हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने की अपील भी की थी.
प्रमुख शहरों में तैनात किए गए पाकिस्तानी रेंजर्स
इमरान खान की सरकार प्रदर्शनकारियों के आगे बेबस नजर आ रही हैं. हालांकि, अब हालात बेकाबू होते देख इसने देश के प्रमुख शहरों में रमजान के मद्देनजर पाकिस्तानी रेंजर्स को तैनात किया है, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे. सरकार ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि वे TLP के दबाव में नहीं आने वाली है. इमरान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि हर ग्रुप को प्रदर्शन करने का अधिकार है और हम TLP से बातचीत करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी ग्रुप को कानून हाथ में लेने के लिए नहीं कह सकती है.
पुलिसकर्मियों पर बरसाई गईं गोलियां
अभी तक अकेले पाकिस्तानी पंजाब में ही 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं. इसमें लाहौर में घायल हुए 97 पुलिसकर्मियों की संख्या भी शामिल है. घायल पुलिसकर्मियों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के दौरान पुलिसकर्मियों पर ईंटों और हथियारों से हमला किया गया. बताया गया है कि TLP कार्यकर्ताओं ने हथियारों का भी प्रयोग किया. पुलिसवालों पर गोलियां बरसाई गईं, जो इस बात को दिखाती है कि प्रदर्शनकारी पूरी तरह से ट्रेंड थे.
पाकिस्तान में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
दरअसल, साद रिजवी ने फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली हेब्दो द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कार्टून बनाने के मुद्दे को लेकर फ्रांस के राजदूत (France Envoy) को देश से निकालने की बात कही थी. वहीं, अभी ये विवाद चल ही रहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी चरमपंथी के हाथों मारे गए टीचर सैमुएल पैटी का समर्थन कर दिया. पैटी ने अभिव्यक्ति की आजादी की क्लास लेते हुए बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था. जिस पर एक कट्टरपंथी भड़क उठा और उसने पैटी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी.
वहीं, मैक्रों ने कहा कि फ्रांस में अभिव्यक्ति की आजादी है और लोग बेझिझक अपने विचार रख सकते हैं. इसके बाद TLP फ्रांसीसी राष्ट्रपति के खिलाफ भड़क उठा. उसने मैक्रों के बयान को इस्लामोफोबिक बताया. वहीं, पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी कि वह 20 अप्रैल से पहले तक देश में मौजूद फ्रांस के राजदूत को बाहर निकाले. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. दूसरी ओर, सरकार ने हालात को काबू में करने के लिए साद को गिरफ्तार कर लिया और फिर देश में प्रदर्शन शुरू हो गए.