छोले-भटूरे और छोले-चावल हर कोई पसंद करता हैं। कई शहरों का तो छोले-भटूरे बहुत फेमस होता हैं। छोला काबुली चना से बनता हैं, जिनको हम सफेद या गुलाबी चना भी कहते हैं। बता दूं की प्रोटीन का बढ़िया स्रोत हैं काबुली चना और खानें में भी स्वादिष्ट हैं, और दलहनों की तुलना में इसमें ज्यादा प्रोटीन पाया जाता हैं। तो जानते हैं इसके फायदों के बारे में….
वजन और मोटापा करता हैं कम
काबुली चना को फाइबर का बड़ा स्रोत माना जाता हैं। यह हमारी भूख नियंत्रित करता हैं। इसे खाने के काफी समय बाद भी आपका एनर्जी लेवल हाई रहता हैं, जिससे आपको वजन घटाने में काफी मदद मिलती हैं।
किडनी के लिए भी फायदेमंद
काबुली चने में लगभग 28 फीसदी फास्फोरस होता हैं, जोकि शरीर में नई कोशिकाएं बनाने में सहायक होते हैं। यह हिमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ाकर किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को साफ करता हैं। किडनी की सेहत के लिए इस चने का सेवन बहुत लाभकारी होता हैं।
दांत को करें मजबूत
इसके अलावा इसमें नमक डालकर खाने से दांत मजबूत होते हैं। इसमें डाइयूरेटिक गुण होते हैं। ये यूरिन प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता हैं। कोलेस्ट्रॉल घटाए, दिल की बीमारी का खतरा कम करे
यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में सहायक होता हैं। यह आंत में पित्त के साथ मिलकर खून में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसकी वजह से हार्ट डिजीज का खतरा कम होता हैं। ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए काबुली चना खाना बहुत लाभदायक होता हैं। चने में मौजूद पोटाशियम और मैग्नीशियम की शरीर में ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। इसे स्प्राउट बनाकर यानी कि अंकुरित कर खाने से काफी फायदा मिलता हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाए
चना पाचन और आंत को ठीक रखकर पाचन तंत्र में होने वाले विकारों को दूर करने में मदद करता है। चने में फीटो-न्यूट्रिएंट, उच्च प्रोटीन और विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में होते हैं। जो कब्ज, एसिडिटी, अपचन आदि आंत में होने वाली समस्याओं से बचाते हैं।
मांसपेशियां मजबूत करे
जिम जाने वालों के लिए तो काबुली चने बहुत ही फायदेमंद है। ये प्रोटीन का मुख्य स्रोत होता है। इससे मसल्स मजबूत बनते हैं और इसे सलाद में मिक्स करके खाएं।
शरीर को रखे फिट
चने में कॉपर और मैंगनीज पाया जाता है जो खून के लगातार बहाव में मदद करता है। इसे खाने से शरीर का तापमान सही बना रहता हैं।
एनीमिया से बचाव
काबुली चना आयरन का अच्छा स्रोत है। इसके सेवन से एनीमिया की समस्या नहीं होती। इसलिए चिकित्सक भी बच्चों में खून की कमी होने पर, प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग लेडीज को चने खाने की सलाह देते हैं।