अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी वाले बयान से भारतीय जनता पार्टी के नेता किनारा करने लगे हैं। भाजपा के सांसद मनोज तिवारी और रीता बहुगुणा जोशी ने भी कंगना के विवादित बयान से असहमति जताई है। सांसद मनोज तिवारी ने तो कंगना की सोच पर भी सवाल खड़े किये हैं।
ज्ञात हो कि फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का आजादी वाला बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने असली आजादी साल 2014 के बाद बताई है। साल 2014 यानि जब भाजपा की केंद्र में सरकार बनी। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त घमासान मचा है। कंगना के बयान के बाद उन पर तीखे हमले हो रहे हैं।
शनिवार को राजभाषा सम्मेलन में वाराणसी पहुंचे गायक से सांसद बने मनोज तिवारी ने कंगना के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देखिए जो हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, उस आजादी के अमृत महोत्सव को किसी भी हाल में किसी के भी द्वारा कम करके नहीं दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 का अपना महत्व है। आजादी का अमृत महोत्सव सैकड़ों बलिदानों के बाद हमने पाया है। अगर उसको कम करके कोई दिखाता है तो उसकी सोच छोटी है। उन्होंने कहा कि कंगना की सोच इसको लेकर ठीक नहीं है।
कंगना के बयान से मैं सहमत नहीं हूं: रीता बहुगुणा जोशी
सांसद और यूपी की पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि मैं कंगना के आजादी वाले बयान से सहमत नहीं हूं। वाराणसी में हुई भाजपा की बड़ी बैठक पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर मनोज तिवारी ने कहा कि ये सब उत्तर प्रदेश का उदभव हो रहा है। ये नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये तो बयान देने वाले लोगों को शर्म करना चाहिए, जिन्होंने कभी उत्तर प्रदेश को साहित्य, सरिता, भाषा, संस्कृति का स्थली माना ही नहीं।
कांग्रेस ने पूर्वांचल को पीछे रखने का किया प्रयास
प्रियंका गांधी के लगातार सरकार के घेराव पर जवाब देते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि पहले तो वो लोग अपने पापों से बाहर निकले। उन्हांेने कहा कि ये वहीं लोग हैं, जिन्होंने वर्षो बरस यूपी के पूर्वांचल को पीछे रखने का कलंकित प्रयास किया। आज जब उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल अपनी पूरी ऐतिहासिक धरोहर के साथ आगे बढ़ रहा है तो हमे इसका स्वागत करना है। उत्तर प्रदेश के विकास में सहभागी बनना है। ये जो कांग्रेस और सपा हैं, इन लोगों की करतूत सबको पता चल चुकी है।