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ऑनलाइन क्‍लास बनी मुसीबत: तंग आकर घर से भागा छात्र, मां-बाप के नाम लिखी ये चिट्टी

कोरोना के चलते घरों में कैद बच्‍चे न अपने दोस्‍तों से मिल पा रहे हैं और न ही स्‍कूल की लाइफ है. इसके अलावा पढ़ाई का बोझ जस का तस है. घरों में बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई से कई बच्‍चे बुरी तरह उकता चुके हैं. इसका ताजा उदाहरण है सूरत गुजरात में एक तम्‍बाकू विक्रेता का बेटा जो कक्षा 8वीं का छात्र था. पेरेंट्स घर से बाहर चले गए तो वो कथ‍ित तौर पर घर छोड़कर चला गया. पुलिस ने बताया कि सोमवार को अपने घर से लापता हुआ एक 14 साल का सूरत का एक लड़का अपने घर से लगभग 280 किलोमीटर दूर मुंबई के भायंदर इलाके में गया था. वो कुछ दूर साइकिल से और कुछ दूर ट्रकों पर सवारी करते हुए मुंबई पहुंचा था.

पुलिस के मुताबिक सूरत के अदजान का रहने वाला लड़का अपने मोबाइल फोन पर ऑनलाइन क्‍लासेज और नोट्स से परेशान हो चुका था. इसलिए वो घर से चला गया. उसके पिता एक तम्बाकू विक्रेता है. पुलिस ने बताया क‍ि जब वह लापता हो गया, तो उसके पिता को उसका मोबाइल फोन और एक नोट मिला है, कथित तौर पर जिसमें लिखा था क‍ि “मम्मी-पापा, मैंने आपको बहुत परेशान किया है. अब मैं बहुत दूर जा रहा हूं. मैं इन ऑनलाइन कक्षाओं के जरिये कुछ भी नहीं समझ सकता. मुझे परेशानी के लिए खेद है. बता दें क‍ि 10 और 12 की कक्षाओं को छोड़कर, गुजरात के स्कूलों में महामारी के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं.

पुलिस ने कहा कि पिता ने हाउसिंग सोसाइटी के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और पाया कि लड़का सिर्फ एक बोतल के साथ अपनी साइकिल पर निकला था. अभिभावकों ने मंगलवार को गुमशुदगी दर्ज कराई. अपनी शिकायत में पिता ने कहा कि वे मुंबई से पांच साल पहले सूरत आए थे, जहां वे भायंदर में रहते थे. बुधवार को, लड़के के चाचा, जो अभी भी भायंदर में रहते हैं, ने परिवार को सूचित किया कि बच्चा मुंबई पहुंच गया है. दंपति ने पुलिस को सूचित किया और मुंबई के लिए रवाना हो गए.

पिता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बेटे के जाने के पीछे एक बड़ा कारण यह था कि वो ऑनलाइन पढ़ाए जाने वाले विषयों को समझने में असमर्थ था. हम उसके मोबाइल के उपयोग की जांच करेंगे लेकिन हमने उस पर कभी पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला. पिता के मुताबिक, बेटा अपनी साइकिल पर सूरत से निकला था. वो सूरत से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी साइकिल से ही तय करके NH48 पर पहुंचा. बाद में यहां ट्रक ड्राइवरों से नवसारी पहुंचने के लिए लिफ्ट ली, जहां से वह फिर से अपने साइकिल पर थोड़ी दूर चला. उसने फिर ट्रकों से लिफ्ट ली और गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित भिलाद पहुंचा. फिलहाल बेटा अपने परिवार तक पहुंच चुका है.