पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन के आक्रामक के कारण एक बार फिर दोनों देशों कि सेनाएं आमने-सामने आ गयी। सीमा पर तरह के बनते बिगड़ते हालात को देखकर साफ़ कहा जा सकता है कि चीन सुधरने वालों में से नहीं है। हालंकि गलवान घाटी में तनातनी को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन एक बार फिर चीनी सेना से टकराव के बाद अब लगता है कि भारत के शांति प्रयासों का उस पर कोई असर नहीं हो रहा है। चीन वार्ता की आड़ में सीमा पर लगातार तैयारियां बढ़ा रहा है। भारत और चीनी सेनाओं के बीच दोबारा से टकराव होने के बाद सीमा पर फिर से तनाव बढ़ गया है =, जिसे देखते हुए सेना ने अब अरुणाचल से लेकर लद्दाख तक में सेना को हाई एलर्ट पर रखा है।
इस बीच कुछ सेटेलाइट तस्वीरें मिली हैं जिसमे दिख रहा है कि चीन से लद्दाख में हैलीपैड बना लिया है। हालंकि यह हैलीपैड अभी जल्दी में ही बनाये गये हैं। टकराव और बातचीत की आड़ में चीन सीमा पर लगातार अपनी तैयारी मजबूत करता रहा, पिछले टकराव और वार्ता के बाद चीन ने फिंगर-4 से, अपने कदम पीछे खींच लिए थे, लेकिन अब वह फिंगर-5 में डट गया और उसने भारत के पीछे हटने की शर्त लगा दी थी। जबकि फिंगर -8 तक के पूरे इलाके पर पहले से ही भारत का कब्जा है।
भारत ने सीमा पर तेज़ की निगरानी
29 अगस्त की रात की घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया कि चीन बिना सख्त कदम के पीछे हटने को तैयार नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 29 अगस्त की घटना का बाद अब भारतीय सेना द्वारा, गोगरा, गलवान घाटी, डेप्सांस और हॉट स्प्रिंग में निगरानी तेज़ कर गयी हैं। हालंकि इस स्थानों पोर चीनी सेना काफी पीछे है। सेना फिर भी सतर्कता बरत नहीं है। इतना ही नहीं अब उत्तराखंड के संवेदनशील बार्डर पोस्ट पर भी आईटीबीपी और सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमा पर अब हवाई निगरानी भी की जा रही है।