लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के नतीजे तो आ गए. भाजपा (BJP) की अगुवाई में एनडीए (NDA) ने हैट्रिक जीत हासिल की है. हालांकि, भाजपा को बहुमत (majority) नहीं मिल पाया है. ऐसी सूरत में भाजपा को अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. टीडीपी (TDP) और जदयू (JDU) के भरोसे एक बार फिर केंद्र में मोदी की सरकार बनती दिख रही है. मगर तीसरी बार मोदी सरकार के लिए सबसे अहम है चंद्रबाबू नायडू (chandrababu naidu) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का साथ रहना. फिलहाल, टीडीपी अभी एनडीए का हिस्सा है. एनडीए की आज की बैठक में शामिल होने के लिए चंद्रबाबू नायडू दिल्ली भी आ रहे हैं. मगर उनके साथ डिमांड की एक लिस्ट भी आ रही है.
टीडीपी सूत्रों की मानों तो चंद्रबाबू नायडू अभी एनडीए सरकार के लिए अहम रोल में हैं. वह एनडीए में यूं ही नहीं बने रहेंगे. उनकी कुछ शर्तें भी हैं. सूत्रों का दावा है कि वह लोकसभा स्पीकर और केंद्र सरकार में कम से कम 5 अहम मंत्री पद की मांग कर सकते हैं. टीडीपी सूत्रों ने हालांकि, स्पष्ट किया कि डिप्टी पीएम को लेकर कोई डिमांड नहीं है. मगर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा या उसके बदले बड़ी आर्थिक केंद्रीय मदद का पैकेज हासिल करना चन्द्रबाबू नायडू की प्राथमिकता है. बताया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू आज जब दिल्ली में रहेंगे तब वह पीएम मोदी को 9 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भी देंगे.
नीतीश-चंद्रबाबू का होगा बड़ा रोल
इधर नीतीश कुमार पर भी सबकी नजर टिकी हुई है. नीतीश कुमार भी एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. हालांकि, दिल्ली आने से पहले वह अपने आवास पर दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. सुबह-सुबह ललन सिंह भी उनसे मिलने पहुंचे हैं. एनडीए सरकार के लिए भाजपा के लिए नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का साथ होना बहुत जरूरी है. इसकी वजह है कि भाजपा अपने दम पर बहुमत नहीं ला पाई है. ऐसे में उसे सरकार बनाने के लिए जदयू की 12 और टीडीपी की 16 सीटों की जरूरत है.
दिल्ली में है आज अहम बैठक
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार (5 जून) को एनडीए और इंडिया अलायंस अहम बैठक है. आंध्र प्रदेश में जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू भी आज दिल्ली पहुंचेंगे. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए का हिस्सा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि 5 जून को इंडिया गठबंधन की बैठक है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए सहयोगियों की संभावना तलाशने से इनकार नहीं किया है. हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि वे किसी भी निर्णय से पहले अपने सहयोगियों से मुलाकात और बातचीत करेंगे. सहयोगियों को विश्वास में लेकर ही आगे कोई भी रणनीति तय की जाएगी.
किसे कितनी सीटें मिलीं.
गौरतलब है कि लोकसभा की 543 सीटों पर हार-जीत का फैसला हो चुका है. काउंटिंग के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, मगर उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. वहीं, 2019 के चुनाव के मुकाबले उसे काफी कम सीटें मिली हैं. हालांकि, यदि गठबंधन की बात की जाए तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को रुझानों में स्पष्ट बहुमत मिला है. भारतीय जनता पार्टी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं अब तक कांग्रेस पार्टी को 99 सीटें हासिल हुई हैं. एनडीए के खाते में 292 सीटें हैं तो इंडिया गठबंधन के पास 234 सीट.