भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनीतिक संबंधों के बीच मंगलवार को भारत ने एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। उन्हें अगले पांच दिन में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत में कनाडा के उच्चायुक्त (कैमरून मैके) को मंगलवार को समन मिला। इसमें भारत सरकार ने वर्तमान में देश में तैनात एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के अपने फैसले से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि संबंधित राजनयिक को आधिकारिक तौर पर अगले पांच दिन में भारत से प्रस्थान करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत को तलब भी किया है।
बयान में कहा कि यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।” यह निर्णय तब आया जब कनाडा ने पहले एक उच्च पदस्थ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। ये घटनाक्रम कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को अपनी संसद में एक बयान में भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद आया है।
ट्रूडो ने कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंटों के बीच संभावित संबंध के आरोपों का सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं। भारत ने कनाडा सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में वो शामिल है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसे “बेतुका” करार देते हुए कहा, “हमने कनाडाई प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को देखा है और हम उन्हें खारिज करते हैं। भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप कनाडा में हिंसा का कोई भी कृत्य बेतुका है।”