आगरा की एक पंचायत ने जिले के 9 विधायकों और 2 सांसदों को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में पत्र जारी करने का दबाव बनाया है. पंचायत का कहना है कि अगर उन्होंने समर्थन पत्र जारी नहीं किया तो उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा. एक हफ्ते पहले भी मुजफ्फरनगर की खाप पंचायतों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन नहीं करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान किया था. बीकेयू के एक अधिकारी ने बताया कि, अब सभी जिलों में किसान समूह बीजेपी विधायकों और सांसदों से किसानों के विरोध पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहेंगे और अगर उन्होंने किसानों का समर्थन नहीं किया तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे.
अधिकारी का कहना है कि, जिले के विधायकों और सांसदों के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे. उनसे किसानों के शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करने के लिए पत्र जारी करने के लिए कहा जाएगा. ऐसे में अगर उन्होंने समर्थन नहीं दिया तो उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा.
मुश्किल में हैं विधायक !
वहीं, मुजफ्फरनगर के एक बीजेपी विधायक ने बताया कि वह मुश्किल में फंस गए हैं. अगर वह किसानों का समर्थन न करें तो 2022 में चुनाव नहीं जीत पाएंगे और वहीं वह इस मुद्दे पर पार्टी लाइन के बाहर भी नहीं जा सकते हैं. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जाए क्योंकि दोनों ही पक्ष अपना रुख सख्त करते नजर आ रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के कई पदाधिकारियों को आशंका है कि तीनों कानूनों के खिलाफ लोगों को उकसाने के लिए किसानों को कानूनी नोटिस मिल सकते हैं.