देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा का एक दिनी मानसून सत्र हंगामा भरा रहा। बुधवार को शुरू हुए सत्र में सदन के बाहर व अंदर विपक्षी दल ने जमकर हंगामा किया। ट्रैक्टर से विधानसभा जा रहे कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने रिस्पना पुल के पास रोक दिया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत समेत कई विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
विधायकों ने आरोप लगाया ट्रैक्टर से विधानसभा जाना कोई गलत नहीं है। सवाल किया कि पुलिस किस नियम के तहत उन्हें जाने से रोक रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आरोप लगाया कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को संभालने के मामले में भाजपा सरकार पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई है।
वहीं, सदन के अंदर भी कांग्रेसी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कहा कि सरकार कोरोना को रोकने में पूरी तहर फेल हो गई है। विधायकों ने कार्य सूची तक फाड़ डाली। विधायकों ने कृषि कानून का जमकर विरोध करते हुए कहा कि किसानों के साथ पार्टी का हर कार्यकर्ता खड़ा है।
मानसून सत्र एक दिन का होने की वजह से राजनैतिक व गैर-राजनैतिक पार्टियों ने भी विरोध कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किय। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। एसएफआई और बेरोजगार संघ व चिन्हित आंदोलनकारी मंच ने भी लंबित मांगों के निस्तारण के विधानसभा के पास धरना प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, मंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, ,विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुकेश कोली, भरत चौधरी, सुरेन्द्र सिंह, महेन्द्र भट्ट, प्रणव चैम्पियन, रामसिंह कैडा, प्रीतम सिंह चौहान, प्रीतम सिंह पवांर, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत आदि मौजूद रहे।