सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर सुर्खियों में छाए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस्तीफा देने से पहले अपना दर्द साझा किया है। उन्होंने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मैं अब परेशान हो चुका था। मेरे पास हजारों फोन आते थे। तरह-तरह की बातें कहते थे और अब मैंने वीआरएस लेने का फैसला लिया है। यह मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। उधर, जब उनसे उनके इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर बेहद बेबाकी से कहा कि मैं पिछले 34 सालों से नौकरी कर रहा हूं। कोई भी दल या नेता किसी पूर्वाग्रह के हिसाब से फैसला लेने पर सवाल खड़े नहीं कर सकती है। 34 साल की मेरी इस नौकरी में कोई भी शख्स ऐसा नहीं कह सकता है कि मैंने किसी अपराधी के साथ कोई समझौता किया है।
बिहार की अस्मिता की लड़ाई लड़ी है मैंने
डीजीपी ने कहा कि मैं अपनी ड्यूटी के दौरान 50 से भी अधिक एनकाउंटर किए हैं। कोई भी शख्स ऐसा नहीं कह सकता है कि मैंने किसी जाति मजहब के हिसाब से कोई फैसला लिया है। उधर , कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो वीआरएस को सुशांत केस से जोड़कर देख रहे हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। मैंने सुशांत के बुढ़े बाप की पूरी मदद की है। वहीं बात जहां तक बिहार पुलिस की अस्मिता की आती है तो इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है। उन्होंने हमारे अधिकारियों के साथ हंगामा किया। मैंने बिहार की अस्मिता की लड़ाई लड़ी है।
राजनीति में आने पर कही ये बात
इसके साथ ही राजनीति में आने पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैं पहले इस पर लोगों से राय लेने के बाद ही फैसला लूंगा। फिलहाल मुझ से अभी अनेकों लोग संपर्क कर रहे हैं। मैंने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।