लंबे इंतजार के बाद अब उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तैयार हो रही ड्राफ्ट रिपोर्ट प्रदेश सरकार को जल्द ही सौपी जा सकती है। इस कमेटी की अध्यक्षा जस्टिस(रिटायर्ड) रंजना प्रसाद देसाई ने शनिवार को दिल्ली में मीडिया से बात की। वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का प्रारूप अब पूरा हो गया है। ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जल्द ही मुद्रित की जाएगी और उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी।
बता दें कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का देश का पहला राज्य है। वही अब विशेषज्ञ समिति प्रारूप को अंतिम रूप देने में जुटी हुई थी। इस समिति का गठन मई 2022 में हुआ था। इसे लेकर समिति ने अब तक समिति ढाई लाख से अधिक सुझाव ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्राप्त किए है। जिसमे प्रदेश के सभी 13 जिलों के निवासियों और प्रवासी उत्तराखंडियों से भी चर्चा की गई है।
आपको यह भी बता दे कि इस नए कानून में भरण-पोषण, तलाक, हलाला, बहू-विवाह, शादी की आयु और पंजीयन, बच्चों को गोद लेने और उत्तराधिकार कानून प्रमुख है। साथ ही इसमे जन संख्या नियंत्रण कानून का भी जिक्र है।
इस समिति में जस्टिस(रिटायर्ड) रंजना प्रसाद देसाई, रिटायर न्यायधीश प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह, दून युनिवर्सिटी की कूलपति सुलेखा डांगवाल, समाजसेवी मनु गौड़ बतौर सदस्य नमित है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी समिति से रिपोर्ट मिलने के बाद इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। यूसीसी लागू करना हमारे लिये गौरव की बात है। इस कानून को जल्द ही उत्तराखंड में लागू किया जायेगा।