उत्तराखंड के उत्तराकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब एक नये प्लान पर काम किया जाएगा। क्योंकि मशीन से ड्रिलिंग में बार-बार रुकावट आ रही है और हादसा होने का खतरा भी है, ऐसे में अब मैन्युलअल ड्रिलिंग करने का फैसला लिया गया है, यानी अब हाथों से खुदाई करके मलबा हटाया जाएगा, जिसमें करीब 14 से 15 घंटे का समय लग सकता है। ऐसे में सुरंग में फंसे मजदूरों की जिंदगी अब आने वाले 15 घंटों के लिए फिर से अटक गई है। मैन्युलअल ड्रिलिंग जल्द शुरू होने के आसार हैं।
New plan to save 41 workers in tunnel : 13 दिन से अंदर मजदूरों की सांसें अटकी, बाहर उनके परिजनों के दिलों की धड़कनें तेज हैं। पूरे देश की निगाहें इस बचाव अभियान पर टिकी हैं और सभी के दिल दिमाग में एक ही सवाल है कि आखिर 15 मीटर की दूरी, कब पूरी होगी? पिछले 2 दिन से मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ड्रिलिंग मशीन में खराबी आने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बार-बार रोकना पड़ रहा है। मशीन के सामने कभी पत्थर तो कभी सरिये आ रहे हैं। बता दें कि सिल्कयारा सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की 19 एजेंसियां लगी हैं।
बचाव अभियान में मदद कर रहे एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि 6-6 मीटर के 2 और पाइप मलबे में डालने होंगे। 22 नवंबर को ऑगर मशीन के रास्ते में सरिया आने से मशीन खराब हो गई। 23 नवंबर को मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया। पाइप को काटकर छोटा कर दिया गया। ऑगर मशीन को भी ठीक किया जा चुका है। 46.8 मीटर तक की ड्रिलिंग हो चुकी है। अभी 15 मीटर की खुदाई करनी और बाकी है। शुरुआत के डेढ़ से 2 घंटे के बाद का जो एक घंटा रहेगा, वह काफी चुनौतीपूर्ण होगा। उम्मीद है कि सब अच्छा होगा। लोगों से गुजारिश है कि मजदूरों के लिए प्रार्थना करें। बता दें कि टनल में मजदूर दिवाली वाले दिन 12 नवंबर से फंसे हुए हैं। सुरंग स्थल पर 41 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। इनमें से 31 ‘ऑपरेशन 108 एम्बुलेंस’ हैं, जबकि 10 राज्य प्रशासन द्वारा दी गई हैं।