रोहतक स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में कोरोना वैक्सीन (COVAXIN) का ट्रायल शुरू हो गया है। चिकित्सकों ने तीन स्वस्थ वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी है। तीनों के स्वास्थ्य पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है।
बता देंं दवा नियामक डीजीसीआइ से पहले व दूसरे चरण के लिए मानव परीक्षण की अनुमति दे दी है। ट्रायल की अनुमति हरियाणा के रोहतक पीजीआइ समेत देशभर के 13 सेंटर को मिली थी। इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है।
कोरोना वैक्सीन ट्रायल की जानकारी खुद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने लिखा कि भारत बायोटेक के कोरोना वैक्सीन (COVAXIN) के साथ मानव परीक्षण आज पीजीआइ रोहतक में शुरू हुआ। आज तीन लोगों पर इसे जांचा गया। सभी ने वैक्सीन को बहुत अच्छी तरह से सहन किया है। कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।
वैक्सीन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे ने मिलकर बनाया है। इसके प्री-क्लीनिकल ट्रायल कामयाब रहे हैं। अब इंसानों पर ट्रायल शुक्रवार से शुरू किया गया। इस अहम ट्रायल के लिए रोहतक के पीजीआइएमएस के फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सविता वर्मा को प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, कोविड-19 के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी व कम्युनिटी विभाग के डॉ. रमेश वर्मा को को-इन्वेस्टिगेटर की जिम्मेदारी दी गई है।
डॉ. सविता वर्मा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए बने इस टीके को पीजीआइएमएस में ट्रायल के तौर पर प्रयोग किया जा रहा। उन्हें इस जांच के लिए प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर बनाया गया है और डॉ. ध्रुव चौधरी व कम्युनिटी विभाग के डॉ. रमेश वर्मा को को-इंवेस्टिगेटर बनाया गया है।
डॉ. सविता ने कहा कि जानवरों पर इसका ट्रॉयल किया गया था जो सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले धीरे-धीरे इसका ट्रायल लोगों पर किया जाएगा। डॉ. सविता ने कहा कि इस दवा का रिजल्ट आने में एक साल तक का समय लग सकता है, अगर बीच में ही रिजल्ट अच्छे आते हैंं तो दवा को ट्रायल के बीच में ही आम लोगों के लिए लाया जा सकता है।
वहीं, पीजीआइएमएस के वीसी डॉ. ओपी कालरा ने बताया कि यह ट्रायल 2 चरणों में होना है। पहले चरण में 375 व दूसरे चरण में 750 वॉलिंटियर्स को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा की हमें खुशी है की इस ट्रायल के लिए रोहतक पीजीआइएमएस को चुना गया है।