आमतौर पर शादी ब्याह में खर्च की कोई सीमा नहीं रहती है. शादी करने वाला परिवार अपने हिसाब से खर्चों को बढ़ाता और घटाता है. लेकिन आज भी महंगाई के इस दौर में कम खर्च में मंदिर में सैकड़ों शादियां होती है. मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड में भी एक ऐसा ही मंदिर है, जहां सिर्फ 1900 के खर्च पर शादी हो जाती है. दरअसल, कटरा प्रखंड के मां चामुंडा स्थान मंदिर में बड़ी तादाद में शादियां होती है. कहा जाता है इस मंदिर में होने वाली शादियों में माता स्वयं गवाह होती है.
मंदिर के पुजारी रमेश झा बताते हैं कि इस मंदिर में शादी के लिए 1900 रुपये का खर्च आता है. जिसमें पंडित जी का दक्षिणा भी शामिल रहता है. रमेश झा बताते हैं कि मंदिर में शादी करने के लिए पर्ची कटाई जाती है. पर्ची के अनुसार वर पक्ष से 555 और वधू पक्ष से 505 रुपये लिया जाता है. इसके अलावा 100 रुपये फोटोग्राफी शुल्क है. बाकी पंडित जी का दक्षिणा समेत दरी, जाजीम, कुर्सी, पंखा और वधू पक्ष के लिए एक रूम का खर्च है. पंडित रमेश झा बताते हैं कि सभी शुल्क को मिलाकर मंदिर प्रशासन 1900 रुपये ही लेता है.
साथ में लाना होता है यह कागजात
पंडित श्री झा बताते हैं कि यहां शादी करने के लिए वर-वधू का आधार कार्ड होना जरूरी है. बिना आधार कार्ड के मंदिर में शादी नहीं कराई जा सकती है. साथ ही वर-वधू के अभिभावक का भी मौके पर उपस्थित होना अनिवार्य है. पंडित रमेश झा कहते हैं कि शादी के बाद दोनों पक्षों को मंदिर की ओर से रसीद और शादी की फोटो भी दी जाती है, जिसे भविष्य में शादी के प्रमाण के तौर पर दिखाया जा सकता है.
खरमास में भी होती है शादी
पंडित रमेश झा बताते हैं कि मंदिर में शादी के लिए लगन की जरूरत नहीं है. मंदिर में हर रोज शादियां होती है. बिना लगन के भी मंदिर में खरमास के दिनों में शादी कराई जाती है. वे बताते हैं कि माता के दरबार में शादी के लिए हर दिन शुभ है इसके लिए किसी भी लगन या विशेष मुहूर्त की जरूरत नहीं है. इस मंदिर में होने वाली शादी की गवाह माता चामुंडा स्वयं बनती है.