तिलहन (Oilseeds) के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) संघर्षरत है. इसी कड़ी में किसानों (Farmers) के प्रयासों को सफलता मिलती हुई दिखाई दे रही है. जिसके तहत देश में इस बार सरसों (Mustard seed ) के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है. केंद्रीय तेल उद्योग और व्यापार संगठन (COOIT) के अनुमान के अनुसार इस साल देश में 109.50 लाख टन सरसों का उत्पादन हो सकता है. जो अभी तक के उत्पादन का सर्वकालिक उच्च स्तर है.
बीते साल की तुलना में 29 फीसदी अधिक उत्पादन का अनुमान
COOIT का 42 वां वार्षिक सम्मेलन बीते दिनों राजस्थान के जयपुर में संपन्न हुआ. दो दिवसीय इस सम्मेलन में COOIT ने देश में सरसों के उत्पादन के अनुमान को अंतिम रूप दिया है. COOIT के अनुसार रबि की फसल के दौरान देश के 87.44 लाख हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन आंका गया है, जिसमें प्रति हेक्टेयर औसत उपज 1,270 किलोग्राम देखी गई है. इसके अनुसार देश में 2021-22 के दौरान सरसों का उत्पादन 109.5 लाख टन होने का अनुमान है, जो बीते साल की तुलना में 29 फीसदी अधिक होगा. बीते वर्ष देश में 85 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था.
राजस्थान में सबसे अधिक सरसों का उत्पादन
देश में राजस्थान के अंदर सरसों का सबसे अधिक उत्पादन होता है. बीते वर्ष राजस्थान में सरसों का उत्पादन 35 लाख टन हुआ था. COOIT की तरफ से जारी अनुमानित आंकड़ों के अनुसार इस बार राजस्थान में सरसों का उत्पादन 35 लाख टन से बढ़कर 49.50 लाख टन होने की उम्मीद है. वहीं उत्तर प्रदेश में उत्पादन 17 लाख टन से बढ़कर 13.5 लाख टन होने की संभावना है. जबकि मध्य प्रदेश में सरसों का उत्पादन 8.5 लाख टन से बढ़कर 12.5 लाख टन होने का अनुमान है. इसी तरह पंजाब और हरियाणा में सरसों का उत्पादन 11.50 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के 9.5 लाख टन से अधिक है. गुजरात में उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 6.5 लाख टन होने की उम्मीद है. हालांकि COOIT ने पश्चिम बंगाल, पूर्वी भारत और अन्य राज्यों में सरसों के उत्पादन में कोई बढ़ोतरी ना होने का अनुमान जताया है. इन जगहों पर बीते वर्ष 14.5 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था.
भारत खाद्य तेलों की मांग का 60 से 65 फीसदी करता है आयात
भारत अपनी खाद्य तेलों की जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर है. भारत खाद्य तेलों की अपनी कुल घरेलू मांग का लगभग 60-65 प्रतिशत आयात करता है. 2020-21 तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) में, देश का आयात 13 मिलियन टन पर स्थिर रहा. हालांकि, मूल्य के संदर्भ में, आयात में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्ष भारत ने लगभग 72,000 करोड़ रुपये के खाद्य तेल आयात किए थे, जो बढ़कर 1.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.