लोगों की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल की वजह से गंजेपन की परेशानी अब आम हो चुकी है। अब कम उम्र में ही लोगों में गंजेपन की समस्या सामने नजर आने लगी है। बाल झड़ने और गंजेपन की समस्या ग्लोबल स्तर पर लोगों को प्रभावित करती है। लेकिन थाइलैंड के रिसर्चर्स ने दावा है कि गंजेपन का एक प्रभावी इलाज अब संभव हो चुका है। अपने रिसर्च में इन शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मैंग्रोव पेड़ के अर्क के सहारे गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इस अर्क को Avicequinon C कहा जाता है और ये उन हॉर्मोन्स को रोकता है जिसकी वजह से बाल झड़ते हैं।
थाईलैंड की Chulalongkorn यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने इस टेस्ट में 50 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया है। रिसर्च में पता चला कि ये सभी लोग एंड्रोजेनिक एलोपिसीया से ग्रस्त थे जो बालों के झड़ने की सबसे आम समस्या है। इस ट्रीटमेंट के बाद ना सिर्फ इन लोगों के बालों के झड़ने में कमी नजर आई बल्कि इन लोगों के बाल बहुत मजबूत भी हो गए। शोध के मुताबिक, ये उन लोगों के लिए भी कारगर है जिनके सिर पर अब बाल नहीं हैं।
इस शोध से जुड़े प्रोफेसर ने बताया कि हमने लोगों के सिर के हर हिस्से की फोटोज ली थीं। इसके अलावा हमने हेयर लॉस वाले क्षेत्र के लिए माइक्रोस्कोप की सहायता भी ली थी। हमने इस प्रक्रिया को 4 महीनों के लिए दोहराया था। फिर इन लोगों के गंजेपन वाले एरिया को चेक किया था और केवल एक महीने बाद ही बालों की मजबूती में काफी परिवर्तन देखने को मिले थे। सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि किसी भी व्यक्ति को इससे कोई एलर्जी नहीं हुई थी।
प्रोफेसर Wanchai Deeknamkul ने बताया कि मैंग्रोव के इस अर्क को एविसेनिया मारिन के नाम से जाना जाता है। इसमें एविसेक्विनन-सी प्रमुख रासायनिक पाया जाता है। शोध में हमने पाया है कि इसके काफी लाभ हैं। ये उन एंजायम्स को रोकने में मदद करता है जो हेयर लॉस हार्मोन्स पैदा करते हैं। इसके अलावा बालों की ग्रोथ और मजबूती बेहतर करने के लिए इसमें प्रोटीन भी मिलता है।