भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. मुकेश अंबानी धीरे-धीरे अपने बिजनेस को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं और अब तो पॉपुलर ऐप टिक-टॉक (Tik-Tok) को भी खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. मुकेश अंबानी हमेशा ही चर्चाओं में रहते हैं और साथ-साथ उनकी धर्मपत्नी नीता अंबानी (nita ambani) भी लाइलमाइट में बनी रहती हैं. नीता सामाजिक कार्यों से लेकर क्रिकेट में काफी सक्रिय हैं. हर कोई उनकी दरियादिली की तारीफें करता है. खूबसूरती में बॉलीवुड हसीनाओं को मात देने वाली नीता कैसे बनी अंबानी खानदान की बहू. ये आज हम आपको बताएंगे. मुकेश और नीता की लव-स्टोरी बहुत ही दिलचस्प है.
दिलचस्प Love story
दरअसल, खानदान की बहू का चुनाव मुकेश अंबानी की मां कोकिलाबेन ने किया था. उन्होंने एक फंक्शन में नीता को देखा था जहां वो डांस कर रही थीं. इसी के बाद उन्होंने नीता को अपनी बहू बनाने का फैसला कर लिया था.जहां अंबानी परिवार काफी अमीर घराने से ताल्लुक रखता था तो दूसरी तरफ नीता एक मिडिल फैमिली से थीं. उस वक्त नीता खर्चा चलाने के लिए एक स्कूल में 800 रुपये महीने की सैलरी पर पढ़ाती थीं.
शादी के लिए रखी थीं शर्त
नीता को शुरू से बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था और उनके मन में डरा था कि, अगर शादी हो जाएगी तो वह बच्चों को नहीं पढ़ा पाएंगी. इस बात का खुलासा खुद नीता ने किया था कि, उन्होंने शादी के लिए मुकेश अंबानी के सामने शर्त रख दी थी कि,अगर वो शादी के बाद भी उन्हें स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की इजाजत देंगे तभी वो हां करेंगी. वरना शादी नहीं करेंगी. नीता के मुंह से ये बात सुनकर मुकेश ने तुरंत हां कर दी और शादी के बाद भी नीता एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करती रहीं.
जब बच्चों के पैरेंट्स हुए दंग
शादी के बाद का एक किस्सा नीता ने खुद बताया था कि, जब साल 1987 में वर्ल्डकप हुआ था तो उनके किसी एक स्टूडेंट के अभिभावकों ने नीता को वर्ल्ड कप मैच की टिकट लाकर दी थी पर नीता ने उन्हें लेने से मना कर दिया. पर जब बच्चों के पैरेंट्स ने नीता को स्टेडियम के प्रेसिडेंट बॉक्स में वीआईपी सीट में बैठे हुए देखातो वो हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने नीता से कारण पूछा तो पता चला कि, नीता कोई आम महिला नहीं बल्कि अंबानी खानदान की बहू है. बता दें, इस वर्ल्डकप को रिलायंस ग्रुप ही स्पॉन्सर कर रहा था.