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इस्राइली जहाज पर ड्रोन हमला: भारतीय नौसेना ने मदद के लिए भेजा युद्धपोत

गुजरात के पोरबंदर तट (Porbandar Beach of Gujarat) से लगभग 217 समुद्री मील दूर (217 nautical miles away) एक व्यापारिक जहाज पर एक ड्रोन ने हमला (A drone attacked a commercial ship) कर दिया। हमले की सूचना मिलते ही भारतीय कोस्टगार्ड (Indian Coast Guard) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) सतर्क हो गए। भारतीय एजेंसियों ने व्यापारिक जहाज केम प्लूटो की सुरक्षा (Security of the merchant ship Chem Pluto) सुनिश्चित करने के लिए विमान भेजा, संचार स्थापित किया गया। नौसेना ने भी सहायता के लिए युद्धपोत भेजा है। कोस्टगार्ड स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। बता दें, जहाज के चालक दल में लगभग 20 भारतीय भी शामिल हैं। हालांकि, ड्रोन हमले में कोई भी घायल नहीं हुआ, सभी सुरक्षित हैं। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि इरानी ड्रोन ने जहाज पर हमला किया था।

कोस्टगार्ड मुंबई को सबसे पहले मिली जानकारी
भारतीय नौसेना के सूत्रों ने बताया कि यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने हमले की जानकारी दी थी। कोस्टगार्ड ने बताया कि मुंबई स्थित उसके समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) को ही सर्वप्रथम हमले की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही नौसेना के पी-8 आई लंबी दूरी के जहाज ने केम प्लूटो के चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की।

जहाज के मुंबई आने की उम्मीद
अधिकारियों ने आगे बताया कि हमले के बाद अपने नुकसान का आंकलन कर जहाज मुंबई के लिए रवाना हो गया है। अब यह जहाज कोस्टगार्ड के डोर्नियर विमान की सुरक्षा में ही मुंबई तक का सफर तय करेगा। विमान ने केम प्लूटो के साथ संचार भी स्थापित किया। कोस्टगार्ड अधिकारियों का कहना है कि उम्मीद है कि जहाज मुंबई आ सकता है। इसी के साथ चालक दल ने स्टीयरिंग संबंधी दिक्कतों के कारण एस्कॉर्ट सहायता मांगी है। वहीं, भारत का विक्रम जहाज अब पूरे रास्ते केम प्लूटो की सुरक्षा करेगा। कोस्टगार्ड केंद्र स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। वहीं, भारतीय नौसेना ने भी सुरक्षा के लिए एक युद्धपोत भेजा है।

भारत ने दिया सहायता का आश्वासन
कोस्टगार्ड अधिकारियों का कहना है कि एमआरसीसी ने जहाज के एजेंट के साथ संचार स्थापित किया। हमने सुनिश्चित किया कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। हमने सहायता का आश्वासन दिया। हमले के बाद से केम प्लूटो ने अपने एआईएस को बंद कर दिया है। एआईएस किसी जहाज पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यूकेएमटीओ मामले की जांच कर रही है।