जेल में बंद इमरान खान (Imran Khan) ने सरकारी गोपनीयता कानून (Official Secrets Law) और पाकिस्तानी सेना कानून (Pakistan Army Law) में किए गए बदलावों को चुनौती देते हुए शनिवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme court) का रुख किया।
पूर्व प्रधानमंत्री खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पर वाशिंगटन (Washington) में पाकिस्तान के दूतावास (Pakistan Embassy) से एक गोपनीय राजनयिक केबल लीक (Secret diplomatic cables leaked) होने के संबंध में सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का आरोप है।
पीटीआई प्रमुख खान ने अपने वकील शोएब शाहीन के जरिए याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि सरकारी गोपनीयता अधिनियम और पाकिस्तान सेना अधिनियम में किए गए संशोधन मानवाधिकारों के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हैं।
याचिका में कहा गया है कि यह बदलाव शीर्ष अदालत का ध्यान सरकारी गोपनीयता अधिनियम में पेश किए गए संशोधनों की ओर आकर्षित करता है, जो गुप्त एजेंसियों को किसी भी अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किए बिना किसी भी नागरिक पर छापा मारने और हिरासत में लेने या किसी भी स्थान पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश और तलाशी लेने का अधिकार देता है, उन्हें अनैतिक और संविधान का उल्लंघन करार देता है।
इसमें में तर्क दिया गया है कि संशोधन संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लंघन है, जो नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं, जिसमें स्वतंत्रता, गरिमा, स्वतंत्र भाषण, निष्पक्ष सुनवाई और कानून के तहत उचित प्रक्रिया शामिल है। याचिका में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति ने सेना संशोधन अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जो संविधान के कई अनुच्छेदों का उल्लंघन है।
याचिका पर सुनवाई के लिए अभी तारीख तय नहीं की गई है। पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 और सरकारी गोपनीयता अधिनियम 1923 को पिछले महीने निचले और ऊपरी सदनों और कथित तौर पर राष्ट्रपति कार्यालय से पारित होने के बाद संशोधित किया गया था। अन्य खंडों के अलावा आधिकारिक गोपनीयता (संशोधन) अधिनियम 2023 किसी व्यक्ति को अपराध का दोषी ठहराता है यदि वे जानबूझकर सार्वजनिक व्यवस्था की समस्या पैदा करते हैं या राज्य के खिलाफ कार्य करते हैं।