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इमरान खान को हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, गिरफ्तारी को बताया वैध

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को हाईकोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी (arrest) को कानूनी रूप से वैध करार दिया है। इससे पहले इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने शीर्ष अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को तलब किया था।

अदालत में चली घंटों सुनवाई
दरअसल लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे इमरान खान उच्च न्यायालय में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं खान के सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (खान को) गिरफ्तार कर लिया। बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई की। कई घंटे की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने विभिन्न अधिकारियों को तलब किया और गिरफ्तारी के गुण-दोष तथा अदालत के अंदर मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना कानूनी था या नहीं, इस बारे में दलीलें सुनीं।

अधिकारियों पर सख्त हुआ था हाईकोर्ट
मुख्य न्यायाधीश ने शुरू में गृह सचिव, इस्लामाबाद पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया कि वे 15 मिनट के भीतर गिरफ्तारी के बारे में जवाब दें। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में “संयम” दिखा रहे हैं। न्यायाधीश ने इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख के पेश होने में विफल रहने पर प्रधानमंत्री को बुलाने की चेतावनी दी। न्यायमूर्ति फारूक ने कहा, “अदालत में आइए और हमें बताइए कि इमरान को क्यों और किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।”

अधिकारियों ने बताया क्यों हुई इमरान की गिरफ्तारी
आईजी अकबर नासिर खान विधिवत अदालत में पेश हुए और कहा कि खान को उनसे और उनकी पत्नी से बुशरा बीबी से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया है। खान के वकील फैसल चौधरी ने अदालत को बताया कि ‘पीटीआई’ प्रमुख जब अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अदालत के अंदर मौजूद थे, तब उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार रात करीब 11 बजे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी कानूनी रूप से वैध थी।

इमरान की गिरफ्तारी ‘कानूनी’, लेकिन…
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकस्तिान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को कानूनी करार दिया है। लेकिन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने अदालत की अवमानना ​​को लेकर इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक और गृह सचिव को भी नोटिस जारी किया है।

मुख्य न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के रज्ट्रिरार को पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी की परस्थितियों के दौरान मौजूद वकीलों के साथ मारपीट और अदालत की इमारत को क्षति पहुंचाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने रजिस्ट्रार को जांच कर 16 मई तक रिपोर्ट देने का भी नर्दिेश दिया।

इमरान की गिरफ्तारी के पीछे क्या है वजह?
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी ने बताया कि, ”खान को एक भूमि, सम्पत्ति कारोबारी मलिक रियाज को हस्तांतरित करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है।” उन्होंने बताया कि खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित है। एक मई को जारी किए गए खान के गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि उन पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है।

पूरे पाकिस्तान में मचा बवाल
इमरान खान की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पहली बार, खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के विशाल मुख्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ दिया, जहां सैनिकों ने संयम बरता। प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठान के खिलाफ नारेबाजी की।

लाहौर में, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए। वहां ड्यूटी पर मौजूद सैन्यकर्मियों ने, हालांकि, क्रोधित प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की, जिन्होंने उन्हें घेर लिया और सेना में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार के “आकाओं” के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने छावनी क्षेत्र में प्रदर्शन किया। प्रवेश और निकास बिंदुओं सहित मुख्य सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के कारण लाहौर प्रांत के बाकी हिस्से से लगभग कट गया।

कई जगहों पर धारा 144 लागू
पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने प्रांत में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रेंजर्स को बुलाया और धारा 144 लगा दी। इसके तहत एक जगह पर पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। पंजाब सरकार ने पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण से प्रांत के उन क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को निलंबित करने का अनुरोध भी किया जहां हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पीटीआई के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने फैसलाबाद शहर में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के आवास पर भी पथराव किया। इसी तरह, मुल्तान, झांग, गुजरांवाला, शेखूपुरा, कसूर, खानेवाल, वेहारी, गुजरांवाला, हाफिजाबाद और गुजरात शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।