चाणक्य नीति (Chanakya Niti) जैसे महाग्रंथ को रचने वाले आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की गिनती कुछ विशिष्ठ विद्वानों में होती है। चाणक्य को नीति शास्त्र के साथ ही राजनीति और कूटनीति का भी विशेष ज्ञान था। चाणक्य ने अपनी बुद्धिमता के बल पर भारत को सम्राट चन्द्रगुप्त जैसा महान राजा दिया था। आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) द्वारा लिखे चाणक्य शास्त्र की नीतियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी तत्कालीन समय में थी। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डाला है। आज भी लोग उनकी नीतियों का अनुसरण करके सफल जीवन जीते हैं। आज हम आपको चाणक्य नीति (Chanakya Niti) की कुछ विशेष बातें बताएंगे जिसका अनुसरण करके मनुष्य बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकता है।
धनी व्यक्ति का हो निवास
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कहा गया है कि व्यक्ति को अपना घर ऐसे स्थान पर खरीदना या बनवाना चाहिए जहां पर धनी लोग निवास करते हों। ऐसे स्थानों पर व्यापार का वातावरण अच्छा होता है और रोजगार की संभावनाएं बहुत बेहतर होती हैं।
धार्मिक आस्था वाले लोग हों
व्यक्ति को अपना घर उस जगह पर बनाना चाहिए जहां के लोग धर्म कर्म में आस्था रखते हों। समाज के बनाये नियमों का पालन करते हों। लोगों में भय, डर और लज्जा की भावना हो। ऐसे लोगों का समाज मर्यादित होता है और संस्कार का भी विकास होता है।
जहां कानून और समाज के नियमों का पालन हो
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कहा गया है कि व्यक्ति को अपना घर वहां बनाना चाहिए जहां रहने वाले लोगों में कानून और समाज का भय रहता हो। व्यक्ति को ऐसी जगहों पर तो बिलकुल भी नहीं रहना चाहिए जहां के लोगों में न तो समाज का डर हो और नहीं ही कोई सामजिक नियम।
चिकित्सा सुविधा हो
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कहा गया है कि लोगों को अपना निवास स्थान ऐसी जगह पर बनाना चाहिए जहां चिकित्सा सुविधाएं आसानी में उपलब्ध हो सकें ताकि बीमारी की स्थिति में आसानी से इलाज मिल सके।
नदी
अगर संभव हो तो व्यक्ति को अपने घर का निर्माण किसी नदी या तालाब के किनारे करना चाहिए। इससे घर के आसपास का वातावरण शुद्ध और साफ़ होता है। नदी या तालाब के पास स्थित घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।