इजरायल (Israel)और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच (between)भारत में कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में हाई अलर्ट घोषित (alert declared)कर दिया गया है। कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों (security agencies)को खासतौर पार चौकस रहने को कहा गया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि मौजूदा परिस्थिति में एक खास समुदाय के कथित आक्रोश की आड़ में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई घुसपैठ के जरिये हमलों की कोशिश कर सकती है।
सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों पर भी निगाह रखी जा रही है, जिनकी गतिविधि लगातार चुनौती बनी हुई है। टीआरएफ और पीएएफएफ जैसे आतंकी संगठन कश्मीर में पाकिस्तान के इशारे पर आतंक की साजिश को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। टीआरएफ और पीएएफएफ लश्कर और जैश का ही मुखौटा है, जिसे पाकिस्तान खुद को तोहमत से बचाने के लिए ढाल के तौर पर इस्तेमाल करता है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीरी हिस्से में भी इसी तरह के छद्म संगठन बनाए गए हैं, जो भारत के खिलाफ साजिश में आईएसआई का मोहरा बनकर काम करते हैं। आतंकी संगठन अल जिहाद की जगह कश्मीरी फ्रीडम फोर्स बनाया गया। ये सभी संगठन कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान के इशारे पर घुसपैठ और अन्य साजिश करते हैं।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि गाजा पट्टी में इजरायल की जवाबी कार्रवाई के बाद कई मोर्चे खुल गए हैं। इजरायल का समर्थन करने की वजह से भारत से कट्टरपंथी संगठन नाखुशी जाहिर करने के लिए हरकत कर सकते हैं। इसलिए सभी स्तरों पर सतर्कता है। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को कहा गया है कि वे लगातार स्थिति पर नजर बनाए रखें। खासतौर पर सीमावर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता रखने को कहा गया है, जहां से पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिश होती है। इसके अलावा कश्मीर में ओवर ग्राउंड वर्कर्स की गतिविधि पर भी नजर रखी जा रही है। सूत्रों ने कहा कि एनआईए खास इनपुट के आधार पर अगले कुछ दिनों में ऑपरेशन भी कर सकती है।
इन राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
दिल्ली-एनसीआर के अलावा तेलंगाना, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक जैसे राज्यों में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे संगठनों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब कर सकते हैं। साथ ही देश में भाईचारे की भावना को भी आहत कर सकते हैं।
फलस्तीन के समर्थन में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन
गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ हैदराबाद, लखनऊ, जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन किए गए। वहीं, प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर श्रीनगर के ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी गई। हैदराबाद में जुमे की नमाज के बाद स्थानीय लोगों ने फिलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। यहां स्थानीय युवाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर गाजा में चल रहे इजरायली जवाबी हमले के खिलाफ नारे लगाए। सड़क पर जुटे प्रदर्शनकारियों ने ‘गाजा कभी नहीं मरेगा’ और ‘फिलस्तीन लंबे समय तक जीवित रहें’ के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ते देख भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को मौके से तितर-बितर किया।
इसी तरह का एक विरोध प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर के बडगाम में भी हुआ। यहां प्रदर्शनकारियों ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगाए। शुक्रवार की नमाज के बाद शोर-शराबे वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। प्रदर्शकारी ‘हम फलस्तीन के साथ खड़े हैं’ जैसे नारे घाटी में लगाए।
यूपी में भी नारेबाजी
लखनऊ में भी गाजा में चल रहे इजरायली हवाई हमलों के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन कर रहे एक स्थानीय मौलवी कल्बे जवाब ने फिलिस्तीन में नागरिकों पर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाते हुए इजरायल की आलोचना की। मौलवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और गाजा में युद्ध को रोकने की भी अपील की। उन्होंने कहा, इस युद्ध में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। इसमें लगभग 1.5 लाख फिलस्तीनी मारे गए हैं। विश्व शक्तियों को निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए एक साथ आना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शत्रुता समाप्त हो।
मालूम हो कि शुक्रवार दिन में इजरायल ने गाजा के लोगों से कहा है कि वो गाजा सिटी खाली कर दें। 24 घंटे में वादी गाजा में रहने वाले फलिस्तीनी वहां से हट जाएं। वहां रहने वाले लोग उनके दुश्मन नहीं हैं। वो केवल हमास का खात्मा करना चाहते हैं। दूसरी ओर, हमास ने लोगों से कहा है कि वो अपनी जगह छोड़कर कहीं न जाएं, जहां हैं वहीं बने रहें। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने एक्स पर पोस्ट कर यह सूचना दी। इजरायली रक्षा बलों ने दावा किया है कि वे गाजा में महत्वपूर्ण बल” के साथ काम करना जारी रखेंगे और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए व्यापक प्रयास करेंगे।