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आयुर्वेद में कई बीमारियों का है रामबाण इलाज, इन औषधियों से शुगर-कोलेस्ट्रॉल रहता है नियंत्रित

आयुर्वेद (Ayurveda) सबसे प्राचीन और अत्यंत प्रभावी चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। विशेषज्ञों के मुताबिक कई औषधियों (drugs) में ऐसे गुणों के बारे में पता चलता है जो शरीर को अत्यंत लाभ पहुंचा सकती हैं। कोरोना के इस दौर में इम्युनिटी (immunity) को बढ़ाने के लिए कई तरह की औषधियों और जड़ी-बूटियों को प्रयोग में लाया जा रहा है। आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो कई औषधियों को इतना प्रभावी पाया गया है जो कैंसर जैसे गंभीर रोगों के खतरे को कम करने में भी असरदार हो सकती हैं। डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल (diabetes and cholesterol) की समस्या को कम करने में भी कुछ जड़ी-बूटियों को काफी असरदार पाया गया है।

विशेषज्ञ बताते हैं, काली मिर्च ऐसी ही एक अत्यंत फायदेमंद औषधि है जिससे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। हम सभी के किचन में आसानी से उपलब्ध यह दिव्य औषधि न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ा देती है साथ ही इसका नियमित रूप से सेवन करना गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है। एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर काली मिर्च का सेवन करना विशेष फायदेमंद माना जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में काली मिर्च से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।

ब्लड शुगर रहता है कंट्रोल
डायबिटीज रोगियों के लिए काली मिर्च का सेवन करना विशेष लाभकारी हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि काली मिर्च में पाया जाने वाला कंपाउंड पिपेरिन, ब्लड शुगर के मेटाबॉलिज्म में सुधार करने में मदद कर सकता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि काली मिर्च का अर्क रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अतिरिक्त, 8 सप्ताह के लिए पिपेरिन और अन्य यौगिकों युक्त पूरक लेने वाले 86 लोगों में इंसुलिन संवेदनशीलता में महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया।

हृदय रोगों का खतरा होता है कम
कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि काली मिर्च का अर्क कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने की क्षमता रखता है, ऐसे में नियमित रूप से काली मिर्च का सेवन करने वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम कम होता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पहले कुछ दिनों तक उन्हें वसा वाला आहार दिया गया। इसके बाद काली मिर्च का अर्क देने के बाद उनमें एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी दर्ज की गई।

कैंसर का कम होता है खतरा
काली मिर्च कैंसर के खतरे को भी कम करने में सहायक औषधि मानी जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि काली मिर्च में पाए जाने वाले पिपेरिन में सक्रिय यौगिक, कैंसर से लड़ने वाले गुणों से भरपूर होते हैं। टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में पाया गया कि पिपेरिन स्तन, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर कोशिकाओं की प्रतिकृति को धीमा कर देता है। विशेषज्ञों के मुताबिक नियमित रूप से भोजन के माध्यम से काली मिर्च का सेवन करने से कई तरह के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।