अपना घर या प्रॉपर्टी, हर किसी का सपना होता है. इस सपने को साकार करने के लिए बैंक सस्ती ब्याज दर पर लोन भी देते हैं. हालांकि, इसके बावजूद रियल एस्टेट में खरीदारी सुस्त है. इस सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को एक जरूरी सलाह दी है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्यों को प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर स्टांप शुल्क घटाने को कहा है. उन्होंने कहा कि राज्यों द्वारा ऐसा करने से रियल एस्टेट की कुल लागत घटेगी और घरों की बिक्री बढ़ेगी.
दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि सरकार ने पिछले छह साल के दौरान इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए रीयल्टी कानून रेरा जैसे कई उपाय किए हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने इस क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन सुधरा है और यह कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्टांप शुल्क कटौती का अच्छा फैसला लिया है और कई बिल्डरों ने इस कटौती का लाभ घर खरीदारों को दिया है.
मिश्रा ने बताया, ”हमने इस बारे में सभी राज्यों को पत्र लिखा है. मैं विभिन्न प्रमुख सचिवों ओर राज्यों के सचिवों के साथ संपर्क में हूं. मैं चाहता हूं कि वे भी इस तरह का कदम उठाएं जिससे लागत में कटौती होगी.” सचिव ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार सृजन में बड़ा योगदान है. मिश्रा ने बिल्डरों से कहा कि वे महामारी के इस समय में पुनरावलोकन करें और यह देखें कि लागत को कैसे घटाया जा सकता है.