ब्रिटेन (Britain) की मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Terrorist Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या (killing) की योजना अमेरिका (America) ने नाकाम कर दिया है। ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से भारत को अवगत कराया था। इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान अमेरिका ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए। ये इनपुट दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हैं। इसके मद्देनजर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। संबंधित विभागों द्वारा इनकी जांच की जा रही है। भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों पर भी प्रभाव डालते हैं।
विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू से संबंधित ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की योजना अमेरिका ने नाकाम कर दिया है। ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से भारत को अवगत कराया था।
मामले से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में साजिश शामिल एक अपराधी के खिलाफ अभियोग दायर किया है। हालांकि मी़डिया रिपोर्ट ने यह नहीं बताया गया है कि कि क्या अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) योजना को विफल करने में शामिल थी या नहीं। वहीं, अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने भी ऐसे दावों पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।
बता दें कि हाल ही में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक पन्नू ने एक वीडियो जारी कर सिखों से कहा था कि वे 19 नवंबर को एयर इंडिया के विमान में यात्रा न करें, क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता है। उसने धमकी दी थी कि 19 नवंबर को एयर इंडिया को परिचालन की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 20 नवंबर को वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह रिपोर्ट कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप के दो महीने बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और वैंकूवर में खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के बारे में विश्वसनीय आरोपों की जांच कर रही थीं।