आप सभी ने बहुत बार कई ऐसे किस्सों के बारे में सुना होगा जो बहुत अजीब होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे अमूल्य पत्थर के बारे में जिसके बारे में जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। हम आपको बताने जा रहे हैं पारस पत्थर के बारे में जो रायसेन ज़िले में है। रायसेन जिला भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का एक जिला है और यहाँ मालवा क्षेत्र का मध्यकालीन नगर मध्यप्रदेश राज्य की विंध्य पर्वत शृंखला की तलहटी में स्थित है।
माना जाता है की मध्यकाल में रायसेन सिलहारी सरदारों का मज़बूत गढ़ हुआ करता था।उस टाइम बाबर का शासनकाल था और उस समय का शासक शिलादित्य था। उसने ग्वालियर के विक्रमादित्य, चित्तौड़ के राणा सांगा, चंदेरी के मेदनीराय तथा अन्य राजपूत नरेशों के साथ खानवा के युद्ध में बाबर के विरुद्ध लड़ाई की थी। ऐसा भी कहा जाता है की पारस पत्थर यहीं पर छुपाया गया है। अब तक इस पत्थर को खोजने में हर कोई असफल रहा है लेकिन यहा लोगों का मानना है कि पारस पत्थर यहीं के एक किले में आज भी मौजूद है। बहुत बार लोग इस किले में खुदाई के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि पारस पत्थर लोगों की चीज को छूते ही सोना बना देता है।
सिर्फ यही नहीं बल्कि ऐसा भी माना जाता है कि यह पत्थर भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर रायसेन के किले में आज भी मौजूद है। यह पत्थर किले के एक राजा के पास था और उन्होंने इस पत्थर के कारण कई बड़े-बड़े युद्ध जीत लिए थे। एक बार जब उन्हें लगा कि वह युद्ध हारने वाले हैं तब उन्होंने पारस पत्थर को किले में मौजूद तालाब में फेंक दिया जहाँ वह आज भी है।