अहमदाबाद के नगर पालिका वार्ड लांभा के लोगों की एक बड़ी समस्या है। 44 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र के लोग 4 सांसद, 5 विधायक और 4 पार्षद को चुनाव में मतदान करते हैं। लांभा वार्ड कई लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ है। यही कारण है कि लांभा का विकास प्रभावित रहता है। यहां के मतदाताओं में भारी कंफ्यूजन रहता है कि अपनी बुनियादी समस्याओं के लिए किसका दरवाजा खटखटाएं। लांभा में वेजलपुर, दसक्रोई, दाणीलिमड़ा, वाटवा और मणिनगर विधानसभा पड़ती हैं। इसके साथ ही खेड़ा, गांधीनगर, अहमदाबाद पश्चिम और अहमदाबाद पूर्वी लोकसभा क्षेत्र भी लांभा में ही पड़ता है।
लोगों को समझ नहीं आता कहां जाएं
लांभा से अहमदाबाद नगर निगम के पार्षद, कालू भारवाड़ बताते हैं कि, उनका वार्ड शहर का इकलौता वार्ड है जो इतनी विधानसभाओं और लोकसभाओं में पड़ता है। कालू भारवाड़ कहते हैं,”इस तरह का डिवीजन से लोगों को काफी दिक्कद का सामना करना पड़ता है, जब लोगों के सामने कोई समस्या आती है तो उन्हें नहीं समझ आता किसके पास जाना चाहिए”, साथ ही पार्षद भारवाड़ ने कहा कि, इस तरह के बंटवारे से लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और सांसद, विधायक अनुदान से वंचित रहना पड़ता है।
नहीं हैं सीवर, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं
लांभा की ज्योतिनगर सोसाइटी में रहने वाले वर्षीय राहुल परमार बताते हैं कि, ” 2007 में हमारा वार्ड जब अहमदाबाद नगर निगम के अंदर लाया गया तब ये 58 वर्ग किलोमीटर का था, लेकिन उस साल होने वाले चुनावों के चलते परिसीमन किया गया जिसके बाद इसका क्षेत्रफल घटकर 44 वर्ग किलोमीटर रह गया। परमार ने यह भी बताया कि, दशकों तक वार्ड में सड़क, सीवर और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ठीक नहीं थीं। उन्होंने आगे बताया कि, सड़को की बराबर मरम्मत नहीं कराई जाती है, औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद, अभी तक हमारे पास सीवर की अच्छी व्यवस्था नहीं है।
इकलौता वार्ड जो चुनता है 4 सांसद और 5 पांच विधायक
लांभा वार्ड के कांग्रेस अध्यक्ष, घनश्याम सिंह परमार कहते हैं कि, लांभा इकलौता वार्ड है जिसका कई नेता प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के मामले में यहां कुछ नहीं है। वो आगे कहते हैं,” शाहवाड़ी, रानीपुर और नरोल गांवों को 1989 में इसानपुर में मिलाया गया था लेकिन 2010 से लांभा का हिस्सा हैं। इन इलाकों में ठीक तरह से सीवर, पानी की व्यवस्था, सड़क की व्यवस्था नहीं है। लोग अपनी समस्याओं के लिए कहां जाएं। समस्या अधिकार क्षेत्र की वजह से आती है, उदाहरण के लिए लांभा का गयासपुर वेजलपुर विधानसभा में पड़ता है। इंदिरा नगर खंड 1 और 2 के साथ लक्ष्मीपुर गांव और लांभा के 20 पोलिंग स्टेशन दसक्रोई विधानसभा में पड़ते हैं। दसक्रोई विधानसभा सीट खेड़ा लोकसभा में पड़ती है। सैजपुर, पिपलाज, और गणेश्वर समेत पांच पोलिंग स्टेशन दाणीलिमड़ा विधानसभा में पड़ते हैं। 52 पोलिंग स्टेशन के साथ लांभा का एक बड़ा क्षेत्र मणिनगर विधानसभा में आता है।