गुवाहाटी में उल्फा द्वारा किए गए बम विस्फोट में कथित भूमिका को लेकर मुकदमे का सामना कर रहे एक पूर्व छात्र नेता को असम के राज्यपाल ने स्नातकोत्तर परीक्षा में अव्वल आने पर स्वर्ण पदक प्रदान किया है।
गुवाहाटी में 2019 में हुए विस्फोट में 12 लोग घायल हो गए थे। विस्फोट के संदिग्धों में शामिल संजीब तालुकदार ने समाजशास्त्र में अपनी कक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया और कृष्ण कांत हांडीक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (केकेएचएसओयू) से कला संकाय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा किया। उसने यह परीक्षा यहां जेल में रहते हुए दी थी।
राज्यपाल जगदीश मुखी ने बृहस्पतिवार को दीक्षांत समारोह में 71 प्रतिशत अंक लाने वाले विचाराधीन कैदी को स्वर्ण पदक प्रदान किया। संजीब तालुकदार की बहन डॉली ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह हमारे लिए मिला-जुला अनुभव है। जहां हम खुश हैं कि उसे स्वर्ण पदक मिला है, वहीं हमें दुख भी है कि वह अभी भी सलाखों के पीछे है। हम जानते हैं कि वह निर्दोष है और हमें विश्वास है कि न्याय होगा।’’
तालुकदार (29) गुवाहाटी के आरजी बरुआ रोड पर 15 मई, 2019 को हुए विस्फोट के आरोपियों में शामिल है। मामले की जांच करने वाले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एक विशेष अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में उस पर साजिश रचने, गैरकानूनी गतिविधियों और मामले के मुख्य आरोपी को सहायता एवं समर्थन प्रदान करने का आरोप लगाया था। डॉली ने कहा कि पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा उसका भाई विस्फोट के तुरंत बाद गिरफ्तारी के समय वनस्पति विज्ञान में एमफिल कर रहा था।
डॉली ने कहा कि जेल में रहने के दौरान संजीब ने समाजशास्त्र चुना क्योंकि यह एक ऐसा विषय था जिसके बारे में वह जेल में सीमित संसाधनों के साथ भी पढ़ने के लिए आश्वस्त था। उसकी जमानत याचिका पर गौहाटी उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई की जानी है और परिवार उसके पक्ष में फैसला आने की उम्मीद कर रहा है। डॉली की शादी में शामिल होने के लिए संजीब पिछले साल कुछ समय के लिए पैरोल पर बाहर आया था। संजीब के एक मित्र ने कहा कि वह गौहाटी विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर छात्र संघ का अध्यक्ष था, जहाँ से वह गिरफ्तारी के समय एम.फिल कर रहा था।