असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग और मेघालय सिमा पर तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है. करीब 300 लोगों ने असम की पुलिस और वन विभाग के कर्मियों पर हमला कर दिया, जिसके जवाब में पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी. बताया जा रहा है कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मेघालय के 5 लोग मारे गए हैं. जबकि मेघालयी लोगों के हमले में एक वन कर्मी शहीद हो गए हैं. पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने तस्करी के काठ का काम करने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाया था, जिसके बाद यह पूरी घटना घटी.
असम-मेघालय बॉर्डर से सटे पश्चिम कार्बी आंगलांग से अवैध रूप से लड़की की तस्करी की जा रही थी. इसी के खिलाफ पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने अभियान चलाया था. जैसे ही पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंची, कुछ लोग अचानक आए और धारदार हथियारों से उनपर हमला बोल दिया. लोगों के हमले को रोकने के लिए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग का इस्तेमाल किया. पुलिस ने हमलावरों पर नियंत्रण पाने के लिए कई राउंड फायरिंग की, जिसमें मेघालय के 5 लोगों की मौत हो गई.
कई जिलों में इंटरनेट बंद
हिंसा को देखते हुए मेघालय सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी हैं. आदेश के मुताबिक इन 7 जिलों में इंटरनेट सेवा 22 नवंबर से लेकर 48 घंटे के लिए बंद रहेगी.
कई पुलिस कर्मी घायल
इस घटना में वन विभाग का एक कर्मी भी मारा गया है और दर्जनों पुलिस कर्मी घायल बताए जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि जब वन विभाग ने तस्करी के काठ जब्त किए, तभी गुस्साएं लोगों ने उनपर धावा बोला दिया. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव की स्थिति है. सुरक्षाबलों की एक बड़ी टीम इलाके में भेजी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को दोबारा होने से रोका जा सके. जानकारी के मुताबिक, पुलिस द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को मंगलवार तड़के रोकने के बाद हिंसा भड़क गई. वेस्ट कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने बताया कि ट्रक को मेघालय सीमा पर असम वन विभाग के एक दल ने तड़के करीब तीन बजे रोका.
कैसे भड़की हिंसा?
उन्होंने बताया कि ट्रक के न रुकने पर वन विभाग के कर्मियों ने उस पर गोलियां चलाई और उसका टायर पंचर कर दिया. उन्होंने बताया कि चालक, उसका एक सहायक और एक अन्य व्यक्ति को पकड़ लिया गया, जबकि एक अन्य व्यक्ति वहां से भाग निकला. अली ने बताया कि वन विभाग के कर्मियों ने घटना की जानकारी जिरिकेंडिंग थाने के अधिकारियों को दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने बताया कि इसके बाद मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई और गिरफ्तार किए लोगों की रिहाई की मांग करने लगी. भीड़ ने वन विभाग के कर्मियों और पुलिस को घेर लिया जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण करने के लिए अधिकारियों को गोलियां चलानी पड़ी. उन्होंने जानकारी दी कि घटना में वन विभाग के एक होम गार्ड और खासी समुदाय के तीन लोगों की मौत हुई है.