पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने कहा कि वह किसी भी स्थिति में इस्तीफा (will not resign) नहीं देंगे. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ Tehreek-e-Insaf (PTI)अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) में विजयी साबित होगी. इमरान खान ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि वह घर चले जाएंगे, वो वह गलत है.
प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) ने साफ किया है कि उनके तटस्थ वाली टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया. पीडीएम और जेयूआई-एफ के अध्यक्षों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मौलाना फज्लुर रहमान 12वें खिलाड़ी हैं और अब उनको टीम से हटाने का वक्त आ गया है.
इमरान खान ने बताया कि वह चौधरी निसार से मिले थे और कहा कि उनके पूर्व आंतरिक मंत्री के साथ रिश्ते 40 साल से ज्यादा पुराने हैं. बता दें कि पाकिस्तान में विपक्ष इमरान खान को लेकर हमलावर है. वह पीटीआई की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहता है. इसके लिए उसने हजारों लोगों के साथ रैलियां भी की थीं. विपक्ष ने इमरान खान पर इकोनॉमी, गवर्नेंस और विदेश नीति को बर्बाद करने का आरोप लगाया है. पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वहां किसी भी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया.
संयुक्त विपक्ष में पाकिस्तान की कई अहम पार्टियां शामिल हैं, जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अहम हैं. इनके निचले सदन में करीब 163 सांसद हैं. अविश्वास प्रस्ताव को जीतने के लिए कम से कम 172 का बहुमत चाहिए.
नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने बुधवार को दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने वर्ष 2019 में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को विस्तार देने में जान-बूझकर देरी की ताकि प्रक्रिया पर ‘विवाद’ उठे.
खबरों के मुताबिक, शरीफ ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने हमेशा सेना का सम्मान किया जबकि सैन्य बलों को निशाना बनाने वाले एक सोशल मीडिया अभियान के पीछे खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का हाथ था.
शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब इमरान खान वर्ष 2018 में देश की सत्ता संभालने के बाद सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा का सामना करने जा रहे हैं. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लेकर शुक्रवार को संसद का सत्र बुलाया गया है.
शरीफ ने कहा कि जब 2019 में प्रधानमंत्री खान ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को विस्तार देने का प्रयास किया था, तब अधिसूचना में तीन बार संशोधन किया गया था. हालांकि, शरीफ ने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावे की पुष्टि करने के लिए कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है.