अयोध्या। रौनाही थाना क्षेत्र के चिर्रा गांव निवासी एक विवाहित महिला का शव सात माह बाद कब्र खोद कर निकाला गया। कब्र से शव निकाले जाने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले में इलाकाई पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है।परिवार वाले मृतका की मौत संदिग्ध मान मुकदमा दर्ज कराने के लिए दौड़ते रहे। जब पुलिस ने नहीं सुनी तब अदालत की शरण ली। अदालत के आदेश गुरुवार को कब्र खोदी गई। कब्र की मिट्टी सख्त हो जाने के कारण जेसीबी का भी सहारा लेना पड़ा।
आरोप है कि करीब सात माह पहले पांच सितंबर को ग्राम चिर्रा निवासी 24 साल की महिला कुसुम पत्नी विक्रम की संदिग्ध परिस्थितियों में ससुराल में मौत हो गई थी। इसके बाद ससुराल पक्ष वालों ने आनन-फानन में शव को दफना दिया था।
मायके वालों को महिला की मौत संदिग्ध लगी और मृतक महिला के पिता राम सकल ने रौनाही थाने पर तहरीर देकर दहेज हत्या का मुकदमा ससुराल पक्ष वालों पर दर्ज कराना चाहा, लेकिन पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। मृतका के भाई संजीव ने अदालत की शरण ली।
सीजीएम कोर्ट में वाद दायर किया। इसके बाद सीजीएम कोर्ट ने महिला के शव को कब्र से खोदवाकर पोस्टमार्टम कराकर जांच का आदेश पारित किया। सीओ और नायब तहसीलदार की मौजूदगी में खोदी गई कब्र : चिर्रा गांव में सीओ सदर शैलेंद्र प्रताप गौतम व नायब तहसीलदार स्नेहिल वर्मा पुलिस टीम के साथ पहुंचे और महिला के शव को कब्र से खोदवाना शुरू किया, लेकिन कब्र की मिट्टी सख्त होने की वजह से जेसीबी का सहारा लेना पड़ा।
सीओ सदर शैलेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि मृतका के एक पांच वर्ष की बेटी भी है। मृतक का मायका टोनिया बिहारीपुर थाना पूराकलंदर है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
शव खोदे जाने के दौरान अधिकारियों को अगरबत्ती का इस्तेमाल करना पड़ा। कब्र से आ रही बदबू के चलते अधिकारी और कब्र खोदने वाले काफी असहज रहे। बताया जाता है कि शव आंशिक रूप से गला मिला।