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अयोध्या : राम मंदिर में तीन गुना बढ़ा दी रामलला के पुजारियों की संख्या, शिफ्टों में दे रहे सेवा

अयोध्या (Ayodhya) राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के ठीक पांचवें दिन श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र (Sri Ram Janmabhoomi Pilgrimage Area) ने पुजारियों (priests) की संख्या तीन गुना बढ़ा दी है। रामलला की सेवा में मुख्य पुजारी समेत चार सहायक पुजारी तैनात थे लेकिन अब दस अतिरिक्त पुजारी भी तैनात कर दिये गये। इस तरह पुजारियों की कुल संख्या 15 हो गयी है। मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर से लेकर नूतन मंदिर में दो शिफ्टों में चारों पुजारी सेवा दे रहे थे। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री दोनों शिफ्टों में मौजूद रहकर पर्यवेक्षण करते थे। यह शिफ्ट सुबह-शाम के दर्शन अवधि के लिहाज से थी। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अपेक्षा से अधिक उमड़ी भीड़ के चलते अनवरत 16 घंटे दर्शन की अवधि निर्धारित हो गयी है। इससे पुजारियों पर काम का दबाव खासा बढ़ गया है।

इसके चलते शुक्रवार की सायं तीर्थ क्षेत्र के धार्मिक न्यास समिति की आपात बैठक बुलाई गयी। यह बैठक वैदेही भवन जानकी घाट में हुई। बैठक में तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, न्यासी डा. अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी व विहिप केन्द्रीय मंत्री गोपाल राव, समिति सदस्य व रामकुंज कथामंडप महंत डा. रामानंद दास व उनके उत्तराधिकारी महंत सत्य नारायण दास के अलावा प्रशिक्षण योजना के मुख्य आचार्य केशव प्रसाद शामिल हुए। इस बैठक में 16 घंटे अनवरत दर्शन अवधि निर्धारित होने के बाद पूजन -अर्चना में आने वाले व्यवधान के केन्द्रीय विषय पर मंथन किया गया। इसके उपरांत पुजारियों की संख्या बढ़ाने पर सहमति बनी। यह भी निर्णय लिया गया की पुजारी प्रशिक्षण योजना में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अवसर प्रदान किया जाए।

इस बैठक के बाद धार्मिक न्यास समिति चेयरमैन व तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दस अतिरिक्त पुजारियों को भी नियुक्त किया जा रहा है। यह पुजारी प्रशिक्षण योजना के प्रशिक्षु ही रहेंगे और अप्रेंटिस शिप के रूप में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यह वह शिक्षार्थी है जिन्होंने रामोपासना आचार संहिता के सभी मंत्रों को कंठस्थ कर लिया है। यह सभी प्रशिक्षु पुजारी अलग-अलग पालियों में अपनी सेवाएं देंगे।

इन पुजारियों की नियुक्ति से पूर्व से कार्यरत पुजारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह सभी पहले की तरह कार्यरत रहेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्य मंदिर के अलावा 13 अतिरिक्त मंदिरों का भी निर्माण हो रहा है। इन मंदिरों में दूसरे पुजारियों को भी मौका दिया जाएगा। फिलहाल उन्हें भी अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के साथ उनके आचार-व्यवहार की निगरानी की जाएगी।