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अयोध्या : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से लेकर महाशिवरात्रि तक होगा 48 दिनों का अनुष्ठान, ये है तैयारियां

रामनगरी अयोध्या में रामलला (Ramlala) के पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह (pran pratistha ceremony) का अनुष्ठान पांच दिवसीय अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू होकर 22 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद 48 दिनों का मंडल पूजन और मंडलाभिषेकम भी होगा जो कि सात मार्च महाशिवरात्रि (Mahashivratri) तक चलेगा। इस मंडल पूजन में देश भर में व विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीय भी यजमान रूप में सम्मिलित हो सकेंगे। इस दौरान सवा सौ वैदिक आचार्य गण चार वेदों की छहों शाखाओं के दिव्य ग्रंथों का पारायण करेंगे।

यह जानकारी कांची कामकोटि शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने दी। शंकराचार्य स्वामी इन दिनों अयोध्या में ही प्रवास कर रहे हैं। बीती शाम वह राम मंदिर निर्माण का अवलोकन करने गये थे। अमावां राम मंदिर में आचार्य किशोर कुणाल का आतिथ्य भी स्वीकार किया। इस मौके पर कहा कि वह दो अक्तूबर को काशी प्रस्थान करेंगे। वहां रामलला के प्रतिष्ठाचार्य बने पं लक्ष्मी कांत दीक्षित व पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड सहित अन्य विद्वानों के साथ परामर्श कर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के निर्धारित कार्यक्रम को अंतिम रूप प्रदान करेंगे।

तिरुपति बालाजी की तरह सुप्रभातम से लेकर शयन तक निर्दिष्ट विधि से होगी पूजा
शंकराचार्य ने कहा कि भगवान श्रीराम यज्ञ संरक्षण मूर्ति है। उनकी पूजा उत्तम प्रकार से होगी और पालकी यात्रा भी निकाली जाएगी।कहा कि तिरुपति बालाजी में जिस प्रकार सुप्रभातम से लेकर शयन तक पूजन का विधान है, उसी प्रकार रामलला की भी पूजा होगी। उन्होंने कहा कि रामलला का प्रतिष्ठा समारोह इस शताब्दी का मुख्य उत्सव है।

देश के 50 केंद्रों के अलावा लखनऊ क्षेत्र के चारों प्रांतों से बुलाए गए दो-दो प्रमुख
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय के अनुसार पूजित अक्षत को देश के पांच लाख गांवों के हर घर में पहुंचाने की व्यवस्था तय कर दी गयी है। इसके वितरण की प्रक्रिया में पांच नवंबर को देश के 50 केंद्रों के दो-दो प्रमुखों के अलावा लखनऊ क्षेत्र के चारों प्रांतों कानपुर प्रांत, अवध प्रांत, गोरक्ष प्रांत व काशी प्रांत के 27 विभागों (कमिश्नरियों) से भी दो-दो प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। यह सभी प्रमुख प्रखंड स्तर (न्याय पंचायत स्तर) पर अक्षत के साथ पत्रकों को भिजवा कर संगठन के पदाधिकारियों के माध्यम से गांव-गांव वितरण सुनिश्चित करेंगे। अक्षत एवं पत्रकों का वितरण कार्यक्रम एक जनवरी से 15 जनवरी 2024 के बीच होगा।