उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Election) से पहले ही अयोध्या (Ayodhya) की राजनीति का तापमान बढ़ गया है. हिंदू वोटर खासतौर से ब्राह्मण को साधने के लिए समाजवादी पार्टी भी तरह तरह के हथकंड़े अपना रही है और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले दिनों अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के दर्शन करने का ऐलान किया था. लेकिन अब अखिलेश यादव के आने की खबर से अयोध्या में उनका विरोध शुरू हो गया है. अयोध्या में संतों ने अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्टर लगाए हैं और अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाने को लेकर उनके पिता मुलायम सिंह यादव और उन पर निशाना साधा है. वहीं अयोध्या में विरोध के बाद अखिलेश यादव ने अपना अयोध्या का कार्यक्रम टाल दिया है.
असल में बीते दिनों एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने श्रीरामलला के दर्शन करने की घोषणा की थी. वहीं उन्होंने कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण सपने में आते हैं. जिसके बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साधा था. वहीं एसपी की तरफ से कहा जा रहा है कि राज्य में कोरोना की स्थिति को देखते हुए अखिलेश यादव ने भगवान श्रीरामलला के दर्शन स्थगित कर दिए हैं. लेकिन संतों का कहना है कि अयोध्या में विरोध के चलते ही उन्होंने कार्यक्रम स्थगित किया है. वहीं अयोध्या में भगवान श्रीराम जन्मभूमि संपर्क मार्ग के गेट पर संतों की ओर से होर्डिंग लगाकर उनके आने के औचित्य पर सवाल खड़े किए गए हैं.
अयोध्या में संतों ने अखिलेश यादव के खिलाफ लगाए बैनर पोस्टर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीरामलाला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास की ओर से लगाई गई है, जिस पर अंकित है- साधु-संतों का कर रहे अपमान/ चुनावी हिंदू बोल रहे जय श्रीराम. उन्होंने इसके साथ ही मांग की है कि वह अपने पापों की माफी मांगें. वहीं अयोध्या के महंत बृजमोहनदास द्वारा लगाए गए एक अन्य होर्डिंग में कहा गया है कि जब चुनाव आया तो राम के भक्तों पर गोली चलाई गई. उन्होंने भी इस होर्डिंग के जरिए अपने गुनाहों की माफी मांगने की मांग की है. इसी तरह की होर्डिंग रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नित्य गोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने भीन लगाई है. हालांकि इस होर्डिंग में किसी का नाम नहीं है, लेकिन इससे सियासी मतलब आसानी से समझे जा सकते हैं.
संतों का एक वर्ग अखिलेश के पक्ष में
वहीं अयोध्या में समाजवादी पार्टी के समर्थक माने जाने वाले करतलिया भजनाश्रम के महंत रामदास त्यागी ने अखिलेश यादव के विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम पूरी मानवता के मार्गदर्शक हैं और अखिलेश यादव एक हिंदू हैं और उन्हें भगवान श्रीरालला के दर्शन से रोकना साजिश है और सियासी दुश्मनी की निशानी है. इसके साथ ही भगवान श्रीरामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास का कहना है कि श्री राम हर किसी के रक्षक हैं और उनकी शरण में आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत है.