अमेरिका में कोरोना का प्रकोप अभी जारी है. बीते दिन दुनिया में सबसे ज्यादा नए मामले अमेरिका में आए हैं और मौतें भी यहीं हुई है. यहां कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों का आंकड़ा करीब 51 लाख पहुंच गया है. इनमें से एक लाख 64 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. बीते एक दिन में अमेरिका में कोरोना संक्रमण के 63,246 नए मामले सामने आए और 1,290 लोगों की मौत हुई है. करीब इतने ही मामले और मौत की संख्या हर दिन भारत और ब्राजील में बढ़ रहे हैं.
अबतक 3.25% लोगों की मौत
कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या शनिवार सुबह तक बढ़कर 50 लाख 95 हजार के पार पहुंच गई. वहीं अबतक 1 लाख 64 हजार 94 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में अबतक 26.16 लाख लोग ठीक भी हुए हैं, जो कुल संक्रमितों का सिर्फ 51 फीसदी है. 23 लाख 14 हजार अभी भी इस वायरस से संक्रमित हैं. कुल 3.24 फीसदी कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है.
कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सबसे ज्यादा प्रभावित
अमेरिका के सबसे बड़े राज्यों में से एक कैलिफॉर्निया कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. राज्य में 5 लाख 49 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले अभी तक सामने आ चुके हैं. साथ ही इस राज्य में 10,209 लोगों की मौत हुई है. वहीं एक वक्त देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा न्यूयॉर्क अब चौथे नंबर पर है, जहां 4 लाख 48 हजार मामले अभी तक आ चुके हैं. मौत के मामले में अभी भी यह पूरे देश में सबसे ऊपर है. राज्य में संक्रमण से 32,822 लोगों की मौत हुई.
इनके अलावा फ्लोरिडा, न्यू जर्सी, टेक्सस, इलिनॉय समेत कई अन्य राज्य इससे काफी प्रभावित हैं. देश के 13 राज्यों में 1 लाख से ज्यादा मामले आए हैं, जबकि ज्यादातर राज्यों में मृतकों का आंकड़ा एक हजार से ऊपर पहुंच चुका है.
दुनिया में सबसे विकसित देश होने के नाते अमेरिका में सबसे श्रेष्ठ चिकित्सा उपकरण और तकनीकें मौजूद हैं, औद्योगिक विनिर्माण का आधार भी मजबूत है. अगर अमेरिका समस्या को स्वीकार करे और अन्य देशों के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा, तो महामारी पर जल्द ही काबू पाया जा सकेगा.
कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे आ रहे कोरोना की चपेट में
एक चौकाने वाली अध्ययन रिपोर्ट की मानें तो यह वायरस अल्पसंख्यक जाति के बच्चों और कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों को अपनी चपेट में ज्यादा ले रहा है. इस स्टडी के दौरान वाशिंगटन में 21 मार्च से 28 अप्रैल के बीच एक हजार बाल रोगियों का परीक्षण किया गया. अध्ययन में पाया गया कि श्वेत बच्चों में से केवल 7.3 फीसदी ही कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए. जबकि 30 प्रतिशत अश्वेत बच्चे वायरस से संक्रमित पाए गए. वहीं हिस्पैनिक बच्चों में वायरस के संक्रमण की दर 46.4 फीसदी थी. परीक्षण किए गए रोगियों में से लगभग एक तिहाई अश्वेत थे, जबकि लगभग एक चौथाई हिस्पैनिक थे.