जो बाइडन की सरकार आने से पहले अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में आतंकवादियों से लड़ रही थी। बाइडन प्रशासन ने जब अमेरिकी सेना को वापसी के आदेश दिए तो काफी जल्दबाजी में वहां आधुनिक हथियार छूट गए। कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आई थी कि हैलिकॉप्टर तक वहां खड़े हुए थे। वही, अब पाकिस्तान ने शुक्रवार को चिंता जताई कि अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए आधुनिक हथियार अब आतंकवादियों तक पहुंच गए हैं।
कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के विद्रोहियों ने पाकिस्तान की एक सैन्य चौकी पर हमला किया और चार पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला। इसको लेकर अब विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि इन गतिविधियों पर वैश्विक ध्यान देने की आवश्यकता है। आगे उन्होंने कहा कि हम किसी को दोष नहीं देते हैं लेकिन अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियारों पर वैश्विक ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वे अब आतंकवादी समूहों के हाथों में पड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से होने वाले आतंकवादी हमलों का मुद्दा अफगान अंतरिम सरकार के समक्ष उठाया गया है। आगे मुमताज जहरा ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बयान तब आया है जब व्हाइट हाउस ने बुधवार को इस बात पर असहमति जताई कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में लगभग सात अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार और उपकरण छोड़े हैं और आतंकवादी समूह अब उन हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी बलों द्वारा पीछे कोई उपकरण नहीं छोड़ा गया था। जब हमने निकासी के अपने प्रयास पूरे किए तो हवाई अड्डे पर थोड़ी मात्रा में उपकरण और कुछ विमान थे, लेकिन हमारे निकलते ही वे सभी बेकार हो गए। उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में, हमारे पास जो एकमात्र चीज बची थी जिसका तालिबान फायदा उठा सकता था, वह थी कुछ हवाई अड्डे की मैकेनिक क्षमताएं: टो ट्रक और उन पर सीढ़ी वाले ट्रक, और कुछ अग्निशमन उपकरण।
जॉन किर्बी ने बताया कि लोग जो उपकरण कह रहे थे कि अमेरिकियों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया था, उन्हें अमेरिका की वापसी से पहले अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि जैसे ही तालिबान काबुल और देश भर के अन्य स्थानों पर आगे बढ़ा, उन्होंने (आधिकारिक अफगान बलों ने) वह उपकरण छोड़ दिया, न कि अमेरिका ने।