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अमेरिका के भावी रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में प्रभावी खतरा है चीन

अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद भी चीन के साथ कोई नरमी नहीं रहेगी। अमेरिका के भावी रक्षा मंत्री जनरल लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि चीन का पहले ही क्षेत्रीय प्रभुत्वकारी शक्ति बन चुका है और अब उसका लक्ष्य नियंत्रणकारी विश्वशक्ति बनने का है। उन्होंने क्षेत्र और दुनिया भर में चीन के डराने-धमकाने वाले व्यवहार का उल्लेख करते हुए अमेरिकी सांसदों से यह बात कही। चीन को नियंत्रित करने और उसके साजिशों को रोकना होगा। ज्ञात हो कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, कोरोना वायरस के उद्गम, विवादित दक्षिण चीन सागर में कम्युनिस्ट देश की सैन्य आक्रामकता और मानवाधिकार सहित कई मुद्दों पर कटु टकराव चल रहा है। ऑस्टिन ने सीनेट की सैन्य सेवा मामलों की समिति को रक्षामंत्री के तौर पर अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई के दौरान कहा कि चीन पहले ही क्षेत्रीय प्रभुत्वकारी ताकत है और मेरा मानना है कि उनका अब लक्ष्य नियंत्रणकारी विश्व शक्ति बनने का है। वह अमेरिका से विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए काम कर रहा है। उनके प्रयास नाकाम करने के लिए पूरी सरकार को एक साथ मिल कर विश्वसनीय तरीके से काम करने की जरूरत होगी।

उल्लेखनीय है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने सेना के सेवानिवृत्त 67 वर्षीय ऑस्टिन को रक्षा मंत्री के लिए नामित किया है। अगर सीनेट उनकी नियुक्ति की पुष्टि कर देती है तो वह पहले अमेरिकी-अफ्रीकी होंगे जो पेंटागन का नेतृत्व करेंगे। ऑस्टिन ने कहा कि हम चीन या किसी भी आक्रामक के समक्ष पुख्ता प्रतिरोधी क्षमता पेश करना जारी रखेंगे। चीन को बताएंगे कि यह आक्रामकता सचमुच एक बुरा विचार है। चीन के बारे में ऑस्टिन ने कहा कि चीन मौजूदा समय में प्रभावी खतरा है क्योंकि वह उभार पर है जबकि रूस खतरा है लेकिन वह उतार पर है।

इस बीच चीन को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर पहचान करते और चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका के भावी विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका को इस चुनौती का सामना मजबूती की स्थिति से करना चाहिए न कि कमजेारी की स्थिति से। सीनेट की विदेश मामलों की समिति में अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए हुई सुनवाई में ब्लिंकेन ने कहा कि जब हम चीन को देखते हैं, तो इसमें कोई शक नहीं है कि एक राष्ट्र के तौर पर वह हमारे हितों, अमेरिकी लोगों के हितों के लिए सबसे अधिक चुनौती पेश कर रहा है। चीन हमेषा दुनिया के साथ आक्रामकता का व्यवहार करता है तो सही नहीं है।