रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) के भारत आने से कुछ घंटे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह (US Deputy National Security Advisor Daleep Singh) ने कहा कि उन देशों को परिणाम भुगतने होंगे, जो ‘प्रतिबंधों को सक्रिय रूप से दरकिनार करने का प्रयास करते हैं.’ अमेरिकी-भारतीय दलीप सिंह मॉस्को के खिलाफ वाशिंगटन की ओर से दंडात्मक आर्थिक प्रतिबंध लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारी हैं. उनका ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब चीन (China) ने कहा है कि रूस के साथ उसके सहयोग की कोई सीमा नहीं है.
दलीप सिंह ने कहा, ‘कोई खुद का मजाक ना उड़वाए. रूस चीन के साथ इस रिश्ते में जूनियर पार्टनर बनने जा रहा है. और रूस पर चीन जितना अधिक लाभ उठाता है, भारत के लिए उतना ही कम अनुकूल है. मुझे नहीं लगता कि कोई इसपर विश्वास करेगा, कि अगर चीन एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करता है, तो रूस भारत के बचाव में आएगा. और इसलिए हम वास्तव में चाहते हैं कि दुनिया भर के लोकतंत्र और विशेष रूप से, क्वाड एक साथ आए और अपने साझा हितों और यूक्रेन में विकास और इसके प्रभावों के बारे में आपकी साझा चिंताओं को आवाज दें.’
पीएम ऑफिस में अधिकारियों से मिले
अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के लिए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सिंह अमेरिकी कांग्रेस में निर्वाचित पहले एशियाई-अमेरिकी दलीप सिंह सौंद के परपौत्र हैं. उन्होंने मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड केनेडी स्कूल से अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में जन प्रशासन और कारोबारी प्रशासन में मास्टर डिग्री हासिल की है. भारत दौरे पर आए सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों और वित्त मंत्री से मुलाकात की है. वह बुधवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मिसे. रूस ने सिंह पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
व्हाइट हाउस की तरफ से क्या कहा गया?
इससे पहले व्हाइट हाउस की संचार निदेशक केट बेडिंगफील्ड ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा था, ‘वह स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत और समावेशी आर्थिक विकास एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सहयोग मजबूत करने के वास्ते भारत सरकार से मुलाकात करेंगे. वह यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध के नतीजों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर कम करने पर समकक्षों के साथ करीबी परामर्श करेंगे.’ सिंह के अलावा रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भी भारत आई थीं. इनसे कुछ दिन पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आए थे.