केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) शुक्रवार से तीन दिनों के लिए असम दौरे (Assam tour) पर हैं। शनिवार को उन्होंने गुवाहाटी (Guwahati) में एक सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में अमित शाह ने राजनीति में अपने उन शुरुआती सालों (politics early years) को याद किया जब उन्होंने छात्र विंग के एक नेता के रूप में असम की यात्रा की थी। इस दौरान पुराना किस्सा बताते हुए कहा कि उन्हें असम में एक बार मार खानी पड़ी थी।
गुवाहाटी में पार्टी के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अमित शाह ने कहा, ‘मैं यहां विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में आया था तब हमें हितेश्वर सैकिया (Hiteshwar Saikia) (असम के पूर्व CM) ने बहुत मारा था… हम नारे लगाते थे असम की गलियां सूनी है इंदिरा गांधी खूनी है। उस वक्त कल्पना नहीं थी कि भाजपा (BJP) अपने बूते पर 2 बार जीतकर यहां सरकार बनाएगी।’
पांच साल का समय मांगा
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले आठ सालों के बीजेपी शासन के दौरान असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़े हैं। शाह ने असमवासियों से बाढ़ की समस्या का पूर्ण समाधान करने के लिए पांच साल का समय मांगा और कहा कि सरकार प्राकृतिक आपदा को इतिहास का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रही है।
बाढ़ से निजात के लिए तैयार कर रहे हैं परियोजना
शाह ने कहा कि बाढ़ से निजात दिलाने के लिए इस समय एक महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की जा रही है। इस समस्या के बारे में शुक्रवार शाम विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तार से चर्चा की और पूर्वोत्तर परिषद के तत्वाधान में एक महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन हर साल, असम में बाढ़ तीन-चार बार तबाही मचाती है। असम के 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, इस आपदा से औसत वार्षिक नुकसान 200 करोड़ रुपए का होता है और 1998 में यह नुकसान 500 करोड़ रुपए का तथा 2004 में 771 करोड़ रुपए का था।