दुनियाभर के देशों पर दबाव बनाने वाला चीन अपनी ही चालों में फंस गया है. एक तरफ भारत के साथ जहां चीन के संबंध लगातार उलझते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ ताइवान ने ड्रैगन को उसी की भाषा में बड़ा सबक सिखाया है. दरअसल कुछ ही देर पहले ताइवान ने चीन का एक फाइटर जेट मार गिराया (Taiwan attacked China Sukhoi aircraft) है. हालांकि खबर तो ये आ रही है कि ताइवान ने चीन के 5 सुखोई विमान पर निशाना साधा था लेकिन इसमें सिर्फ एक ही जेट पर ये निशाना लग पाया है. जिसके बाद ड्रैगन पूरी तरह से बिलबिला हुआ है. फिलहाल जाहिर सी बात है कि चीन ने पहले ताइवान को उकसाने का काम किया जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में ताइवान ने वही किया जो हर देश अपनी सुरक्षा के लिए करना चाहता है.
दरअसल मीडिया खबरों की माने तो हाल ही में ताइवान के बेस पर लगातार चीन के पांच सुखोई विमान भेद लेने के लिए इधर से उधर चक्कर लगा रहे थे. ऐसे में अपनी देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ताइवान को ये बड़ा कदम उठाना पड़ा. बता दें कि ये हमला ताइवान ने चीन के विमान पर अमेरिकी डिफेंस सिस्टम थाड से किया है. जिसके बाद सेकंड भर में चीन का विमान ऊपर से नीचा आ गिरा है. थाड सिस्टम के बारे में बात करें तो एक बार में ये आठ मिसाइलें दागता है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चीन के जेट का क्या हाल हुआ होगा.
ये प्रहार वाकई इस बार चीन के गुमान पर है. फिलहाल ताइवान के इस हमले के बाद साउथ सी चाइना (South sea china) में भी हलचल काफी तेज हो गई है. इस बीच एक और बड़ी खबर तेजी से आ रही है कि मुंह की खाने का बाद चीन ने ताइवान (Taiwan air Base) के एयरबेस पर फिर से अपने विमान भेजे हैं. हालांकि इस हमले में चीनी फाइटर की हालत काफी ज्यादा नाजुक बनी हुई है और अब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि अब ताइवान के सपोर्ट में अमेरिका पूरी तरह से उतर गया है और साउथ सी चाइना में अपने सैनिकों को भी अलर्ट पर कर दिया है. तो वहीं दूसरी तरफ चीन ने भी खुलेआम अमेरिका को धमकी दे डाली है कि US आग से खेलने की कोशिश न करे. इसके साथ ही बता दें कि इस बड़े हमले के बाद ताइवान के राष्ट्रपति ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है. तो वहीं खबर आ रही है कि चीन रूस के रक्षामंत्री से लगातार बात करने की कोशिश में है.
फिलहाल सवाल ये उठता है कि क्या प्रत्यक्ष तरीके से रूस चीन की मदद करेगा या फिर नहीं? हालांकि वर्ल्ड वॉर 3 के लिए ये बड़ा संकेत माना जा रहा है. यहां तक कि अब ताइवान की सेनाओं को भी अलर्ट मोड़ पर कर दिया गया है. क्योंकि चीन के लिए ये किसी बड़ी चोट से कम नहीं है. इसी के साथ ही चीन ताइवान के इस युद्ध के बीच रूस के आने की भी आशंका तेज हो गई है. फिलहाल हालात काफी ज्यादा नाजुक बने हुए हैं. लेकिन यूएस ताइवान का पूरा सपोर्ट करने पर उतर आया है.