मध्य प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को अब आजीवन कारावास की सजा होगी. हाल ही में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा को सूचित किया था कि पहले छह महीने की जेल के बजाय अब मिलावट करने वालों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान करने के लिए संबंधित आईपीसी के अनुभाग में संशोधन किया गया है.
मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को प्रावधानों में संशोधन को पारित किया गया. कैबिनेट बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की थी कि खाद्य पदार्थों में मिलावट की सजा अब आजीवन कारावास होगी. कैबिनेट ने ‘मिलावट पर कसावट’ अभियान के तहत अभियुक्तों की सजा के लिए आजीवन कारावास के प्रावधान को मंजूरी दे दी. इससे पहले खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए सजा का प्रावधान छह महीने से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया था.
एक्सपायरी सामान बेजने वालों पर भी होगी कार्रवाई
खाद्य पदार्थों में मिलावट से जुड़े मामलों में इसे और गंभीर बनाने के लिए शुक्रवार को इसकी सजा में संशोधन किया गया. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मिलावट से बड़ा कोई अपराध नहीं है, क्योंकि ये सीधे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ है. इसलिए सजा को बढ़ा दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा एक्सपायरी डेट के बाद सामान बेचने पर भी सजा के प्रवाधानों को भी मंजूर कर लिया गया है.
10 रुपए में भरपेट खा सकेंगे गरीब
मध्य प्रदेश में अब गरीब भूखा नहीं रहेगा. प्रदेश में 100 जगहों पर 10 रुपए में मिलेगा खाना. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को 100 नई दीनदयाल रसोई का उद्घाटन करेंगे. सीएम दोपहर बाद 3 बजे भोपाल के मिंटो हॉल से इन सभी केन्द्रों का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे. इसी के ही साथ मुख्यमंत्री इंदौर, उज्जैन, मुरैना, धार और छतरपुर जिले के रसोई केन्द्रों पर मौजूद लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात भी करेंगे.
प्रदेश में केवल राजधानी भोपाल में ही दीनदयाल रसोई थी जहां पर 5 रुपये में गरीबों को भरपेट खाना खिलाया जाता था. 2018 में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद दीनदयाल रसोई को बंद कर दिया गया था, लेकिन एक बार फिर बीजेपी सरकार के सत्ता में वापसी करने के बाद दीनदयाल रसोई योजना को व्यापक स्तर पर शुरू किया गया है. पूरे प्रदेश में अब 52 जिलों में रसोई के केंद्र बनेंगे. इसी के ही साथ 6 धार्मिक नगर मैहर, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, ओरछा और चित्रकूट में भी रसोई खोली जाएगी.