राहुल गांधी पर तीखे हमले बोलकर कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद से हुड्डा की मुलाकात पर बवाल मच गया है। भूपिंदर सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। अब हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं ने हाईकमान से मांग की है कि हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। हु़ड्डा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेताओं में कुमारी शैलजा आगे हैं, जिन्हें उनका प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुमारी शैलजा ने जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल से हुड्डा की शिकायत की है।
कुमारी शैलजा ने खोला मोर्चा, हुड्डा पर ऐक्शन की मांग
कुमार शैलजा ने हाईकमान से मांग की है कि हुड्डा ने आजाद से ऐसे वक्त में मुलाकात की है, जब वह राहुल गांधी पर हमले बोलकर अलग हुए हैं। इसके अलावा वह अपनी ही अलग पार्टी भी लॉन्च करने जा रहे हैं। कुमारी शैलजा की ओर से हुड्डा पर सवाल उठाने से हरियाणा कांग्रेस में भी टकराव तेज हो गया है। बता दें कि कुमारी शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर ही हाईकमान ने हु़्ड्डा के करीबी उदयभान को जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद भी हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात ने हरियाणा में पार्टी की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि हाईकमान की ओर से हुड्डा पर कुछ ऐक्शन भी लिया जा सकता है।
केसी वेणुगोपाल बोले- हाईकमान से रखूंगा मामला
यही नहीं कहा यह भी जा रहा है कि केसी वेणुगोपाल ने हुड्डा की आजाद से मुलाकात के मसले को हाईकमान के सामने पेश करने की बात कही है। कुमारी शैलजा ने भी भूपिंदर सिंह हुड्डा पर खुलकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भरोसा जताया था और उन्हें हरियाणा यूनिट की कमान दी थी। इसके बाद भी गुलाम नबी आजाद से मिलना चिंता की बात है। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को छोड़ते हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में भी हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात से कांग्रेसियों में गलत संदेश जाएगा। किसी भी वफादार कांग्रेसी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती।
कुमारी शैलजा और हुड्डा के बीच क्यों रही है अदावत
बता दें कि हरियाणा में हुड्डा और शैलजा के बीच लंबे समय से टकराव रहा है। भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा विधानसभा के नेता रहे हैं, जबकि कुमारी शैलजा प्रदेश अध्यक्ष थीं। लेकिन हुड्डा के दबाव के चलते हाईकमान ने संगठन में भी उन्हें ही महत्व दिया और कुमारी शैलजा को हटा दिया था। उनकी जगह पर हुड्डा के करीबी नेता उदयभान को यह पद दिया गया है। वहीं बैलेंस बनाने के लिए कुमारी शैलजा को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मेंबर बना दिया गया है। बता दें कि अब तक भूपिंदर सिंह हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पर किसी वरिष्ठ कांग्रेसी ने कोई टिप्पणी नहीं की है।