देश में अब जल्द ही पांच साल से ऊपर के बच्चों को कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी। कॉर्बेवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने शुक्रवार को कहा कि जैविक ई को पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन कॉर्बेवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण की परीक्षण के लिए डीजीसीआई से अनुमति मिली है। विशेष एक्सपर्ट समिति ने कॉर्बेवैक्स टीके के ट्रायल की सिफारिश की थी। विशेषज्ञों ने अंदेशा जताया है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उसमें बच्चों पर भी काफी प्रभाव पड़ सकता है। इसी महीने तीसरी लहर आने की संभावना है, ऐसे में बच्चों के लिए वैक्सीन कवच के तौर पर काम करेगी। बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा कि इन मंजूरी से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ बातचीत करने में मदद मिलेगी।
हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन कॉर्बेवैक्स के भारत में सितंबर के अंत तक आने की संभावना है। इससे पहले इसके पहले और दूसरे ट्रायल में इस वैक्सीन को लेकर बेहतर नतीजे आए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई कंपनी के साथ 30 करोड़ वैक्सीन डोज का करार किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन के उत्पादन के लिए कंपनी को 1,500 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि दी जा चुकी है। बायोलॉजिकल-ई द्वारा वैक्सीन का उत्पादन और स्टोरेज सितंबर-दिसंबर 2021 के बीच किया जाएगा। भारत बायोटेक की ‘कोवाक्सिन’ के बाद देश में यह दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी।