झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और पार्टी विधायक सीता सोरेन बुधवार को अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ विधानसभा के द्वार पर धरने पर बैठ गईं। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जामा से विधायक सीता सोरेन के इस कदम से राज्य सरकार की भारी किरकिरी हुई।
इससे पहले सीता सोरेन ने सदन में कहा कि उन्होंने विधानसभा में जो सवाल किया है, उसका सरकार से संतोषप्रद जबाव नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “मैं पानी, जंगल और जमीन की सुरक्षा के लिए सदन में आई हूं। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल ) की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि का अतिक्रमण किया जा रहा है और कोयले का अवैध परिवहन किया जा रहा है लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है।”
सरकार का जवाब गलत: सीता सोरेन
उन्होंने आरोप लगाया कि सदन में सरकार गलत जवाब दे रही है। उन्होंने राज्य सरकार से सीसीएल द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीसीएल की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर अवैध कब्जा और एक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा अवैध तरीके से कोयले की ढुलाई को लेकर सदन में सवाल पूछा तो सरकार की ओर से बताया गया कि वहां कंपनी की ओर से कोई ट्रांसपोर्टिंग नहीं की जा रही है। सच ये है कि वन भूमि पर अतिक्रमण और गलत तरीके से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की जा रही है, सरकार का जवाब गलत है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों और आदिवासियों के अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे।
क्षेत्र में जाकर भी देंगी धरना
बाद में स्पीकर रबींद्र नाथ महतो को जब विधायक के धरने पर बैठे रहने की सूचना मिली तो उन्होंने सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल को उन्हें मनाकर सदन में लाने के लिए भेजा। सीता सोरेन ने सदन में भी सीसीएल की परियोजना में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने की मांग की। बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि अगर उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो वो क्षेत्र में भी जाकर धरना देंगी।
झामुमो के एक अन्य विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर हेमंत सरकार भी खुद शराब बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बात कोई और नहीं हो सकती। विधायक ने कहा, “शिबू सोरेन शराबबंदी की बात करते हैं लेकिन हेमंत सोरेन इसके विपरीत काम करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।”