मनेंद्रगढ़ की माटी में जन्मे , पले पढ़े फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव (35147) पायलट जो एक फाइटर स्क्वाद्रन में तैनात हैं को देश के महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया जाएगा ।फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव का जन्म मनेंद्रगढ़ के रेलवे कॉलोनी में निजी निवास में रहने वाले डी गोपाल राव एवं बी ज्योति राव के यहां 11 अगस्त 1993 को सेंट्रल हॉस्पिटल मनेंद्रगढ़ में हुआ था। उनकी शिक्षा प्री प्राथमिक खालसा स्कूल मनेंद्रगढ़ एवं मिडिल तथा मैट्रिक शिक्षा सेंट्रल स्कूल झगराखांड एवं मनेंद्रगढ़ में हुई। हायर सेकेंडरी उन्होंने हैदराबाद से किया जहां उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए हो गया और वे 2012 में खड़कवासला पुणे में प्रवेश लिए । 2015 में उन्हें राष्ट्रपति कमीशन से फ्लाइंग ऑफिसर नियुक्त किया गया ।
वर्तमान में रविंद्र राव स्क्वाद्रन लीडर फाइटर पायलट के रूप में अंबाला में पदस्थ हैं जो सेना के जगुआर फाइटर प्लेन के माध्यम से देश की रक्षा में संलग्न है । वायु सेना पदक दिए जाने की प्रेस विज्ञप्ति में रक्षा मंत्रालय ने उल्लेख किया है कि 6 नवंबर 2021 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट रविंद्र राव एक डिटैचमेंट के हिस्से के रूप में एक जगुआर विमान को दूसरे बेस पर ले जा रहे थे। बेस पर उतरते ही उन्होंने एक धमाके की आवाज सुनाई दी जो देश पर उतर रहे दूसरे जगुआर विमान जो दुर्घटनाग्रस्त हो रहा था और फिसल कर रनवे से बाहर हो गया था ।
लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव ने देखा कि विमान उल्टा हो गया है काट पीट की छत का एक हिस्सा टूट गया है दोनों इंजन चल रहे हैं पायलट घायल है और इंजेक्शन सीट से बंधा हुआ है लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव ने अपनी जान जोखिम में डालकर घायल पायलट तक पहुंचे और पायलट को बाहर निकाल कर स्ट्रेचर पर बांधने में बचाव दल की मदद की ।फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव ने अपने जीवन के लिए प्रत्यक्ष खतरे का सामना करने के लिए असाधारण साहस एवं वीरता दिखाई । वह अपनी सामान्य ड्यूटी की जिम्मेदारियों से बहुत आगे निकल गए ।आधे बेहोश हो चुके पायलट के बचाव में व्यक्तिगत रूप से खुद को शामिल किया और बचाव अभियान को प्रभावी ढंग से पूरा करने में बचाव दल की सहायता एवं मार्गदर्शन किया। असाधारण साहस के इस कार्य के लिए फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव को आगामी दिनों में वायु सेना पदक (वीरता) से राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा जो मनेंद्रगढ़ नगर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण एवं प्रेरणादायी है।