कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक बात समझ जाइए कोविड के समय हर व्यक्ति की आमदनी कम हुई, लेकिन देश के उद्योगपतियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन तेजी से बढ़ा, क्या कारण रहा ? जब उद्योग बंद है, बाजार बंद है, तब इतना मार्केट कैपिटलाइजेशन कैसे बढ़ा ? यह सोचने की बात है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, अब आप जानते हो, जिस प्रकार से भाजपा के पास अनाप-शनाप पैसा आया है और अलग-अलग शेल कंपनियों के माध्यम से वे शेयर मार्केट में पंप एंड डंप का खेल खेलते हैं. इसका मतलब है पैसा लगाओ, शेयर मार्केट बढ़ाओ और गिराओ का यह खेल होता है.
9 साल हो गए काला धन लाने के वादे का
2014 के पहले बीजेपी ने कहा था कि हम काला धन विदेशों से लाएंगे और सुप्रीम कोर्ट का टास्क फोर्स भी बना. आज 9 साल हो गए उसके बारे में कोई चर्चा सुनी क्या आपने? कहां है वह सुप्रीम कोर्ट का टास्क फोर्स ..?
पनामा पेपर्स में बीजेपी के नेताओं के नाम का क्या हुआ ?
पनामा पेपर्स जिसमें बड़े-बड़े लोगों का नाम हैं, उसमें बीजेपी के नेताओं का नाम है, उसका क्या हुआ ? दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते कहा -मोदी जो कहते हैं -ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, वह यह है कि मैं खुद ही खाऊंगा और दूसरे को नहीं खाने दूंगा. दूसरे में वे सब हैं जो मोदी- शाह जी के चहेते नहीं हैं …और वो जो चहेते हैं .. उन्हीं को सारे ठेके मिलते हैं. उन्हीं को सारी सुविधाएं मिलती हैं.
एक महीने पहले बबल फूटने के राहुल गांधी ने की थी भविष्यवाणी
गौतम अडानी जी का भी वही मैटर हैं. जिस तरीके से कैपिटलाइजेशन बढ़ा, एक महीने पहले राहुल गांधीजी ने चर्चा में कहा था. उन्होंने कहा था-बबल फूटेगा, निकाल लो पैसा और यही हुआ. एक महीने बाद बबल फूट गया. एंडरसन ने 7 फर्जी कंपनियों को एक्सपोज किया है. उन्हें चुनौती भी दी है. डेफमेशन लॉ अमेरिका का है ..वो हमारे से और भीसख्त हैं ..
निर्मला सीतारमन के बयान पर बोले दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन कह रही हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इसे लेकर पूर्व सीएम ने कहा फर्क इसलिए पड़ेगा क्योंकि जिन्होंने अडानी के शेयर में पैसा लगाया, उन लोगों के साथ उनकी सहानुभूति नहीं है. उनका पैसा लगा होगा जो उन्होंने निकाल लिया होगा. इसलिए उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. एलआईसी का जो पैसा है वो आम आदमी का पैसा है, उसका घाटा हुआ है. पूरे देश में जिन लोगों ने अडानी जी के शेयर खरीदे हैं अपनी बचत से, उनका नुकसान हुआ है.