प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नागपुर से छठी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. प्रधानमंत्री ने नई वंदे भारत को महाराष्ट्र के नागपुर से रवाना किया. रेल मंत्रालय का अगले साल अगस्त तक 75 वंदे भारत ट्रेन्स को ट्रैक पर उतारने का लक्ष्य है. रेल मंत्रालय के अनुसार, 35 वंदे भारत रैक (इंजन के अलावा कोच को मिलाकर बनी पूरी ट्रेन) को इस वित्त वर्ष के लिए अनुमति दे दी गई है.
वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 67 रैक्स को अनुमति मिली है. पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाई गई थी. यह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी. इसके बाद पांचवीं ट्रेन पिछले ही महीने 11 तारीख को मैसूर से चेन्नई के लिए रवाना की गई.
तेजी से बढ़ रहा प्रोडक्शन
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में अब तक 5 वंदे भारत ट्रेन बनाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इनके प्रोडक्शन को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा की वास्तविक प्रोडक्शन इस बात पर निर्भर करेगा की सप्लाई चैन कैसी रहती है जो फिलहाल बहुत तेजी से बढ़ रही है. अधिकारी के अनुसार, शुरुआती प्रोडक्शन हमेशा बहुत अधिक समय लेती है. उन्होंने कहा कि बल्क प्रोडक्शन की ओर बढ़ा जा रहा है और उम्मीद है कि इसके सहारे डेडलाइन तक लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
किन रूट्स पर चलेगी ट्रेन
ट्रेन के रूट्स को लेकर उन्होंने कहा की नई वंदे भारत के लिए रूट तय करना एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि परिचालन की सुगमता, ट्रैफिक, रोलिंग स्टॉक की उपलब्धता, कंप्यूटिंग डिमांड्स और कई अन्य फैक्टर्स के आधार पर नई ट्रेन का रूट तय होता है.
3 साल में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि अगले 3 साल में 400 न्यू जेनरेशन वंदे भारत ट्रेन डेवलप और मैन्युफैक्चर की जाएंगी. वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसमें शताब्दी ट्रेन जैसी ट्रेवल क्लासेस हैं लेकिन सुविधाएं उससे बेहतर हैं. अभी वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, नई दिल्ली से वाराणसी, गांधीनगर कैपिटल से मुंबई सेंट्रल, अंब एंडौरा से नई दिल्ली और मैसूर से चेन्नई सेंट्रल के बीच होता है.