समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। चुनाव अधिकारी रामगोपाल यादव ने उनके निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। पार्टी नेताओं ने उन्हें बधाई दी और पार्टी के लिए संघर्षशील रहने का भरोसा दिया। सपाका राष्ट्रीय सम्मेलन रमाबाई अंबेडकर मैदान में राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ। अखिलेश यादव ने राष्ट्रध्वज फहराने के बाद पार्टी का ध्वजारोहण किया। अल्पसंख्यक सभा के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष इकबाल कादरी ने स्वागत भाषण ने कहा कि पार्टी को निरंतर ऊर्जा देने की जरूरत है।
प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कराई। बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सिर्फ अखिलेश यादव ने नामांकन किया। पहला प्रस्ताव माता प्रसाद पाण्डेय, ओम प्रकाश सिंह, रविदास मेहरोत्रा, दर सिंह, राम अचल, हाजी इरफान आदि ने किया था। दूसरा प्रस्ताव अंबिका चौधरी, नरेश उत्तम, उदयवीर, सोबरन सिंह, अर्विदन सिंह सहित 25 लोगों ने पास किया था। तीसरे प्रस्ताव में स्वामी प्रसाद मौर्य, कमलकांत, प्रदीप तिवारी, नेहा यादव, आदि शामिल रहे। सभी प्रस्तावकों के प्रस्ताव को देखते हुए अखिलेश यादव को अध्यक्ष चुना गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं का आभार जताया और कहा कि मुझ पर जिस उम्मीद के साथ भरोसा जताया गया है। उस पर खरा उतरने का प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि मुझे यह जिम्मेदारी तब मिली है जब संविधान खतरे में है। सभी संस्थाओं पर सरकार ने अनैतिक रूप से कब्जा कर लिया है लेकिन हम हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह का सपना है कि सपा राष्ट्रीय पार्टी बने। हम सभी संकल्प लेते है कि अगले पांच साल में यह सपना साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि सपा द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान में बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। आने वाले समय में जरूरत पड़ी तो यह अभियान चलता रहेगा। जो लोग समाजवाद में भरोसा रखते हैं वे निरंतर जुड़ रहे हैं।
जो लोग बाबा साहब के सपनों को पूरा करना चाहते है वे भी जुड़ रहे है। समाजवादियों की कोशिश है कि बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने वालों को जोड़कर संविधान बचाने का काम करे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि देश दुनिया में इतना झूठ बोलने वाली कोई सरकार नहीं है।