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सर्जिकल स्ट्राइक के 6 सालः भारतीय जांबाजों ने LoC पार कर आतंकियों का किया था सफाया

29 सितंबर, वो दिन जब भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (entering Pakistan) में घुसकर पाकिस्तानी आतंकियों (Pakistani terrorists) को धूल चटा दी थी। भारतीय सेना के जांबाजों ने 2016 में आज ही के दिन पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (Pakistan occupied Jammu and Kashmir) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) को अंजाम दिया था. भले ही सेना ने इसके लिए 29 सितंबर का दिन चुना लेकिन इसकी पटकथा, असल में तभी लिख गई थी जब आतंकियों ने 18 सितंबर को भारतीय सेना को निशाना बनाया था. इसके दस दिनों बाद भारत के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया और कई आतंकियों को मार गिराया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना के जवानों ने तब 35-70 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताया और अपने नुकसान कबूल करने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान ने तब दो पाकिस्तानी सैनिकों और 9 अन्य के घायल होने की बात स्वीकार की थी. पाकिस्तान, जो आतंकियों का पनाहगार रहा है, आतंकियों के मारे जाने की बात भी नहीं स्वीकार की।

जांबाजों ने दिया करारा जवाब
2016 में 18 सितंबर को कथित रूप से पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय सेना को निशाना बनाते हुए आतंकी हमले किए थे. इस भयंकर हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. सेना के जवानों ने इसके बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों को ऐसी धूल चटाई, जो हमेशा उसे याद रहने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सर्जिकल स्टाइक की पूरी पटकथा को सेना के जवानों ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया और बिना नुकसान वापस आ गए. इसकी पूरी तैयारी 28 सितंबर की रात समाप्त हुई और इसके लिए जवानों की एक स्पेशल टीम तैयार की गई थी।

29 सितंबर को भारतीय सेना की एक स्पेशल टीम ने रात 12.30 बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसी और 4.30 बजे तक चार घंटा पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसकी पूरी निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे. हालांकि, तब डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने बताया था कि इस ऑपरेशन के बारे में पाकिस्तान को पहले ही बता दिया गया था. लेफ्टिनेंट ने बताया था कि इसके साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी, कि अगर पाकिस्तानी सेना किसी भी तरह की कार्रवाई की कोशिश करती है, तो भारत उसको खुलेआम जवाब देगा।

उरी आतंकी हमले में 19 सैनिकों की शहादत
जम्मू-कश्मीर के उरी में 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान की तरफ से आए आतंकवादियों ने सेना के एक कैंप पर हमला कर दिया था. रात के अंधेरे में किए गए इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान स्थित जैश के आतंकियों को जिम्मेदार माना. हालांकि जैश के आतंकियों का भारतीय क्षेत्र में आतंकी हमला, पहली बार नहीं था. इससे पहले पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट में भी इन आतंकियों ने इस तरह के आत्मघाती हमले किए थे. हालांकि पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत ने खुद ही उरी में आतंकी हमले कराए हैं और यह सबकुछ जम्मू-कश्मीर में हो रहे मामलों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है।