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अंतरिक्ष में दिखेगा भारत का तैरता किला, ISRO ने फिर दुनिया को चौंकाया

चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर छाप छोड़ने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब अपना पहला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी पहले से ही अपने मंगल और शुक्र मिशन पर काम कर रही है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए इसरो की इस बड़ी योजना का खुलासा किया है।

 

सीजीटीएन को दिए एक इंटरव्यू में इसरो अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अंतरिक्ष स्टेशन के प्रक्षेपण और लंबे समय के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान जैसे मिशनों के लिए विभिन्न संभावनाएं तलाश रही है। सोमनाथ ने कहा, “चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम देख रहे हैं कि अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए कैसे फायदेमंद बन सकता है, इस पहलू पर हम चर्चा कर रहे हैं।”

23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो ने लैग्रैन्जियन प्वाइंट 1 (या एल1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने के लिए अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 भी लॉन्च किया।

यह पृथ्वी से सूर्य की दिशा में 15 लाख किमी पर स्थित है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने गगनयान मिशन पर भी काम कर रही है, जिसका उद्देश्य मानव के रहने योग्य अंतरिक्ष कैप्सूल विकसित करना है। तीन सदस्यीय दल को योजनाबद्ध तरीके से तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में ले जाएगा।